Loading...
- Advertisement -
HomeInternationalइस जगह प्रदर्शनकारियों ने फूंके कई घर, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस...

इस जगह प्रदर्शनकारियों ने फूंके कई घर, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले, लगा कर्फ्यू, देखें वीडियो

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

काठमांडूः नेपाल की सड़कों पर इस समय भारी प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को राजशाही समर्थकों ने काठमांडू की सड़कों पर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने तोड़फोड़ करने और हैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। नेपाल पुलिस ने राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। वहीं काठमांडू के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया।

दरअसल, तिनकुने क्षेत्र में स्थिति बेकाबू होने के बाद पुलिस ने खाली राउंड फायरिंग भी की। यहां पर हजारों राजशाहीवादियों ने नेपाल में राजशाही की बहाली की मांग करते हुए ‘राजा औ देश बचाऊ’ (देश को बचाने के लिए राजा आएं), भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद तथा हम राजशाही वापस चाहते हैं जैसे नारे लगाए। जानकारी के अनुसार नेपाल के राष्ट्रीय झंडे और ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह की तस्वीरों के साथ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने तिनकुने इलाके में घर में आग लगा दी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पथराव भी किया।

यहां पर पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की थी। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने उसको तोड़ने की कोशिश की है। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प के दौरान एक व्यक्ति घायल हो गया। नेपाल की सड़कों पर राजशाही समर्थक और गणतंत्र के समर्थकों ने हल्ला बोला है। टकराव को रोकने के लिए काठमांडू में सैकड़ों दंगा पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। राजशाही समर्थक और विरोधी समर्थक सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। जानकारी दें कि नेपाल के राजनीतिक दलों ने संसद की घोषणा के माध्यम से 2008 में 240 साल पुरानी राजशाही को समाप्त कर दिया और तत्कालीन हिंदू साम्राज्य को एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया।

बता दें कि पूर्व राजा ज्ञानेंद्र द्वारा लोकतंत्र दिवस (19 फरवरी) को एक वीडियो संदेश जारी किया गया। इसके माध्यम से उन्होंने राजशाहीवादी राजशाही की बहाली की मांग की। देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद पोखरा से त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे ज्ञानेंद्र के समर्थन में राजशाही समर्थक कार्यकर्ताओं ने 9 मार्च को एक रैली भी आयोजित की। वहीं, कुछ समर्थकों ने ज्ञानेंद्र के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें भी दिखाईं।

जहां एक ओर राजशाही समर्थकों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। दूसरी तरफ सोशलिस्ट फ्रंट के नेतृत्व में हजारों राजशाही विरोधी समर्थक भृकुटीमंडप में एकत्र हुए और गणतंत्र प्रणाली जिंदाबाद, भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें और राजशाही मुर्दाबाद जैसे नारे लगाए। राजशाही विरोधी मोर्चे में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट जैसे राजनीतिक दल शामिल हुए थे। सीपीएन-माओवादी केंद्र के प्रमुख पुष्पकमल दहल प्रचंड सहित अन्य लोगों ने भृकुटिमंडप में सोशलिस्ट फोरम द्वारा आयोजित एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page