उन्होंने 12 फरवरी को हरोली में अपने घर पर माता चिंतपूर्णी का जगराता रखा था। इसी सिलसिले में हेग अकादमी ऑफ लॉ से उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहीं उनकी इकलौती बेटी डॉ. आस्था अग्निहोत्री भी घर आई थीं। मगर दुर्भाग्य से जगराते से दो दिन पहले फरवरी महीने की 9 तारीख को प्रो. सिम्मी का अकस्मात निधन हो गया। उनकी अधूरी इच्छा को अपनी प्रेरणा बना कर उनकी होनहार बेटी डॉ. आस्था अपने पिता के साथ भावुकता से भरी इस आस्थामयी पैदल यात्रा पर निकलीं हैं।
होनहार बेटी ने मां की अधूरी इच्छा को बनाया संकल्प
माता चिंतपूर्णी का आशीर्वाद लेने हरोली से पैदल यात्रा पर निकलीं डॉ. आस्था, पिता मुकेश अग्निहोत्री भी साथ
आस्थामयी यात्रा में जुड़ते गए हजारों
ऊना/ सुशील पंडित: स्वर्गीय प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की अधूरी इच्छा को संकल्प बना कर उनकी बेटी डॉ. आस्था अग्निहोत्री अपने पिता प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ माता चिंतपूर्णी का आशीर्वाद लेने हरोली से पैदल यात्रा पर निकलीं। गुड फ्राइडे के दिन उन्होंने गोंदपुर जयचंद में अपने निवास से सुबह करीब 8 बजे चिंतपूर्णी मंदिर के लिए यह पैदल यात्रा आरंभ की और देखते ही देखते हजारों की तादाद में लोग उनके साथ सहयात्री हो गए। बता दें, प्रो. सिम्मी माता चिंतपूर्णी की अनन्य भक्त थीं। अपने पति प्रदेश के उपमुख्यमंत्री की हर चुनावी जीत के बाद वे घर से पैदल माता के दरबार माथा टेकने जाती थीं।
लोग साथ आते गए, कारवां बनता गया…
अपार जनता, अनगिनत भाव
‘मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर, लोग साथ आते गए कारवां बनता गया’, किसी शायर के ये अशआर भावों से भरी इस आस्थामयी यात्रा के लिए सटीक बैठते दिखे। डॉ. आस्था और मुकेश अग्निहोत्री के साथ चलने वालों की संख्या हर बीतते पड़ाव के साथ बढ़ती चली गई। हरोली समेत ऊना जिले के विभिन्न क्षेत्रों से हर वर्ग, हर तबके से लोग यात्रा में जुड़े। यह यात्रा जहां से भी गुजरी पड़ाव दर पड़ाव कारवां बढ़ता चला गया। अनेकों लोग सुख दुख के साथी होने के भाव से यात्रा में जुड़े, तो बहुत से लोग एक होनहार बेटी के जज्बे को सराहने, उनका साथ देने, समर्थन देने और हौंसला देकर यात्रा में सहयात्री होने आए। अनेकों बड़े-बुजुर्गों ने बेटी को सस्नेह आशीर्वाद देने के भाव से यात्रा में भाग लिया। पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार, पूर्व विधायक राकेश कालिया समेत राजनीतिक जगत के साथ साथ सामाजिक क्षेत्र के हर तबके के लोग भी इस यात्रा में शामिल हुए।
डॉ. आस्था ने जनता के साथ-स्नेह के लिए जताया आभार
इन भावुक क्षणों में डॉ. आस्था अग्निहोत्री ने अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी मां प्रो. सिम्मी अग्निहोत्रा खुशी-खुशी माता के दरबार पैदल यात्रा करती थीं। पर हम गम में यात्रा कर रहे हैं। उनकी इच्छा थी कि घर में माता का जगराता हो और सभी को माता का आशीर्वाद मिले। पर वो इच्छा अधूरी रह गई। हम उसी अधूरी इच्छा को पूरा करने और सभी के लिए माता का आशीर्वाद लेने के लिए जा रहे हैं। उन्होंने सहयोगी बन यात्रा में जुड़े प्रत्येक व्यक्ति का आभार व्यक्त किया और जनता के साथ तथा स्नेह के लिए कृतज्ञता जताई।
पहले दिन यहां से गुजरी यात्रा
शुक्रवार को आस्था कुंज गोंदपुर जयचंद से आरंभ हुई पैदल यात्रा गोंदपुर बुल्ला, भड़ियारा, दुलेहड, हीरानगर, हीरा, हलेडा, पुबोवाल, ठाकरा, पालक्वाह, भदौड़ी, हरोली, समनाल, रोड़ा, सैंसोवाल, धर्मपुर, कांगड़, बढेडा, सलोह, घालूवाल, भदसाली, ईसपुर, पंडोगा होते खड्ड पहुंची। खड्ड में रात्रि ठहराव के बाद शनिवार को यात्रा यहां से आगे बढ़ेगी।
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