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बाढ़ के बाद राहत: पशुपालकों के लिए मान सरकार की 59 लाख की सहायता

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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने डेयरी क्षेत्र को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में घोषित इस योजना के तहत होशियारपुर और तारागढ़ गांव के पशुपालकों और डेयरी किसानों को कुल 59 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह पहल पंजाब में पशुपालन और डेयरी उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के सरकार के दृष्टिकोण का हिस्सा है। इस योजना के अंतर्गत राजपुरा में 17 लाख रुपये और तारागढ़ में 42 लाख रुपये की राशि वितरित की जाएगी, जिससे स्थानीय पशु चिकित्सालयों का आधुनिकीकरण और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

पंजाब सरकार ने पशुपालकों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए इस वर्ष 204 डेयरी किसानों को 3 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित की है। यह राशि 2 से 20 पशुओं वाली डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए दी गई है। इसके अलावा, 9,150 बेरोज़गार युवाओं को डेयरी प्रशिक्षण प्रदान किया गया है ताकि वे स्वरोज़गार के अवसर प्राप्त कर सके। प्रदेश भर में 47 राज्य और ज़िला स्तरीय सेमिनार और शिविर आयोजित किए गए है, जिनमें पशुधन किसानों को बीमा योजना के लाभ, दावा प्रक्रिया और पशु स्वास्थ्य प्रबंधन के बारे में शिक्षित किया गया है। यह पहल भागीदारी और विश्वास को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही है।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री लाल चंद कटारूचक ने हाल ही में एक समीक्षा बैठक में बताया कि सरकार ने गेहूं खरीद सीज़न के दौरान 8 लाख से अधिक किसानों की सुविधा के लिए व्यापक तैयारी की है। उन्होंने कहा कि होशियारपुर ज़िले में 3.14 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं आने की उम्मीद है, जबकि जालंधर, कपूरथला और शहीद भगत सिंह नगर क्रमशः 5.25 लाख, 3.61 लाख और 2.64 लाख मीट्रिक टन का योगदान देंगे। मंत्री ने किसानों द्वारा लाए गए प्रत्येक अनाज को खरीदने की सरकार की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया और कहा कि खरीद प्रक्रिया में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री भगवंत मान के दूरदर्शी नेतृत्व में पंजाब का डेयरी उद्योग उल्लेखनीय परिवर्तन देख रहा है। माझा क्षेत्र में 135 करोड़ रुपये की एक बड़ी परियोजना शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य स्टरलाइज्ड फ्लेवर्ड दूध और लस्सी तथा दही जैसे किण्वित डेयरी उत्पादों के उत्पादन की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है। यह साहसिक कदम उच्च गुणवत्ता वाले दूध उत्पादन में अग्रणी राज्य के रूप में पंजाब की स्थिति को मजबूत करता है। स्थानीय दूध संयंत्र में अपग्रेड की गई सुविधाएं उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाएंगी, जो क्षेत्र और उससे आगे बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए मूल्य वर्धित दूध उत्पादों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करेंगी।

पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भंडारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 30,000 पशुओं का बीमा किया गया है और किसानों को 7 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित की गई है। इस योजना के तहत, पशुओं की मृत्यु या बीमारी की स्थिति में किसानों को तुरंत वित्तीय सहायता मिलती है, जिससे उन्हें अपने परिवार का भरण-पोषण जारी रखने में मदद मिलती है। सरकार ने युवाओं को डेयरी खेती के बारे में सक्रिय रूप से शिक्षित करने और विभागीय योजनाओं के बारे में सूचित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं ताकि अधिकतम लाभ जमीनी स्तर तक पहुंच सके।

पशु चिकित्सालयों के आधुनिकीकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की योजना के तहत, मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों की खरीद और अनुकूलन के लिए 100% वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। यह सेवा किसानों के दरवाजे पर टोल-फ्री नंबर के माध्यम से उपलब्ध है, जिसमें रोग निदान, उपचार, टीकाकरण, छोटी शल्य चिकित्सा हस्तक्षेप और विस्तार सेवाएं शामिल हैं। पंजाब में वर्तमान में पशु चिकित्सा उपचार की सुविधाएं मजबूत की जा रही हैं, जिससे पशुधन रोगों का शीघ्र पता लगाने और प्रबंधन की क्षमता बढ़ रही है।

वेरका ब्रांडेड उत्पादों को अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया जा रहा है, जिससे दूध, दही और लस्सी जैसे प्रतिष्ठित उत्पाद वैश्विक उपभोक्ताओं तक पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में, सेलिब्रिटी ब्रांड एंबेसडर की शुरुआत और एक नए शुभंकर ‘वीरा’ सहित नवीन ब्रांडिंग प्रयास उपभोक्ता जुड़ाव को बढ़ाने और वैश्विक मंच पर ब्रांड दृश्यता को ऊंचा करने के लिए तैयार है। राज्य पारंपरिक पसंदीदा जैसे रबड़ी और काजू बादाम दूध सहित नए डेयरी उत्पादों को भी पेश कर रहा है। ये परिवर्धन उपभोक्ता स्वाद की गहरी समझ और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि पिछले डेढ़ साल में पंजाब को 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि पंजाब में पूर्ण सांप्रदायिक सद्भाव है और औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल वातावरण है, जो राज्य के समग्र विकास और समृद्धि को गति दे रहा है। नीदरलैंड स्थित डी ह्यूस कंपनी द्वारा राजपुरा में 138 करोड़ रुपये के पशु आहार संयंत्र की स्थापना इस बात का उदाहरण है कि पंजाब किस प्रकार निवेशकों के लिए पसंदीदा गंतव्य बन रहा है। यह संयंत्र किसानों को उच्च गुणवत्ता वाला पशु आहार प्रदान करेगा और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगा।

स्थानीय किसानों और पशुपालकों ने इस पहल का स्वागत किया है। होशियारपुर के एक डेयरी किसान ने कहा, “यह योजना हमारे लिए वरदान साबित होगी। सरकार की इस पहल से हमें अपने पशुओं के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी और हमारी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।” पशु चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि जिला स्तर पर आधुनिक नैदानिक प्रयोगशालाओं की स्थापना से पशुधन क्षेत्र को बड़ी मदद मिलेगी। अधिकांश पशुधन किसान निजी परीक्षण का खर्च वहन नहीं कर सकते, इसलिए जिला स्तरीय सार्वजनिक नैदानिक प्रयोगशालाएं स्थापित करना एक स्वागत योग्य कदम है।

पंजाब अपनी डेयरी विरासत को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ वैश्विक उत्कृष्टता के एक नए युग के लिए इसे फिर से परिभाषित कर रहा है। डेयरी किसानों और पशुपालकों के लिए उचित मूल्य निर्धारण और निरंतर विकास के अवसरों का आश्वासन देते हुए, सरकार उन्हें अपना योगदान बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। दिल्ली और एनसीआर जैसे नए बाजारों में सक्रिय विस्तार के साथ, राज्य का प्रमुख डेयरी सहकारी संगठन तेजी से पूरे भारत में अपना पदचिह्न बढ़ा रहा है। यह पहल न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि पंजाब को डेयरी उत्पादन के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में भी स्थापित करेगी।

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