ग्वालियर : जनकगंज थाने में फल का ठेला लगाने वाले को चोरी के शक में थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया। पुलिस वालों ने उसे हाथ-पैर बांधकर बेल्ट से पीटा। उसके मुंह पर जूतों से मारा। होंठ में सूजन है। हवालात में पंखा भी नहीं था। 3 दिन से उसके साथ मारपीट की जा रही थी। पुलिस ने चोरी के आरोप में एक अन्य संदेही को भी पीटा है। देर शाम व्यापारी की हालत बिगड़ने पर परिजन थाने में जमा हो गए, इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिजन का कहना है कि पुलिसकर्मी चोरी का झूठा आरोप लगा रहे हैं। देर रात हवलदार शैलेंद्र दीक्षित आरक्षक मुरारी और बनवारी शर्मा को निलंबित कर दिया। एसपी धर्मवीर सिंह का कहना है कि जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस ने गोलपहाड़िया निवासी अवधेश खटीक (35) को चोरी के संदेह में पकड़ा था। थाना प्रभारी विपेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज में संदेही आरोपी का फुटेज मिला था। इस पर सीएएसपी लश्कर गुप्ता का कहना है कि सस्पेक्ट है, इसकी भी जांच की जा रही है।अवधेश खटीक जयारोग्य अस्पताल में भर्ती है। उसने बताया 3 दिन पहले चार पुलिसवाले मुझे पकड़कर ले गए। किसी चोरी के बारे में पूछताछ की मैंने बताया कि मैं कुछ नहीं जानता। जनकगंज थाने के हवालात में बंद कर पीटा।
अवधेश ने बताया कि हाथ-पैर जोड़कर कहा कि मैंने चोरी नहीं की। वे नहीं माने। मुंह पर जूते मारने से मेरे होंठ सूजे हुए हैं। सिर पर जूते मारे, जिससे अभी तक दर्द हो रहा है। एक लड़का (कमल घाटगे) और था, उसे मुझसे एक दिन बाद पकड़कर लाए थे, उसे भी पीटा। जनकगंज थाना प्रभारी का कहना है कि आरोपी ने पूछताछ में चोरी का माल कबाड़ी को बेचना कबूल भी किया था।
परिजन का कहना है कि अगर पुलिस के पास चोरी के मामले में कबाड़ी का माल बेचने का बयान दिया गया था तो अवधेश खटीक की तीन दिन में भी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। पुलिस झूठे आरोप लगा रही है। जब तीन दिन हो गए और पुलिस ने अवधेश की न तो गिरफ्तारी दिखाई, न ही मिलने दिया। इस पर परिजन घबरा गए, वह एसपी से मिले। एसपी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए। इसी बीच पुलिस के वाहन से अवधेश को अस्पताल पहुंचाया गया। कमल को छोड़ दिया गया।
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