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लड़की का शव पुलिस ने सड़क पर घसीटा, देखें वीडियो

परिवार का आरोप- रेप के बाद हत्या की गई

पश्चिम बंगाल:  उत्तर दिनाजपुर जिले में एक दलित नाबालिग के साथ कथित रेप और हत्या के बाद जमकर हिंसा हुई। ग्रामीणों ने युवती का शव लेने आए पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए रैपिड एक्शन फॉर्स (RAF) के जवानों को बुलाना पड़ा। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया। लड़की का शव घसीटे जाने की घटना शुक्रवार की है और इसका वीडियो शनिवार से वायरल हो रहा है। भाजपा के IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस घटना का वीडियो शेयर किया है।

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो आज पीड़ित के परिवार से मुलाकात करने दिनाजपुर जाएंगे। कानूनगो ने ट्वीट कर कहा था- बच्ची का सामूहिक बलात्कार व हत्या की गई, शव को अपमानित करने का आरोप पुलिस पर है। राज्य सरकार को सूचना दी थी, कोई उत्तर नहीं मिला है।

पुलिस का कहना है कि लड़की लापता थी, लेकिन उसके परिवार ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई। बाद में लड़की का शव कालियागंज इलाके में नहर में तैरता मिला। पुलिस जब लड़की का शव लेने पहुंची तो लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस के मुताबिक पोस्टमॉर्टम की प्राथमिक रिपोर्ट में मौत का कारण जहरीले पदार्थ खाना बताया गया है।

पुलिस ने कहा कि उन्होंने इस घटना के सिलसिले में एक 20 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि लड़की और आरोपी एक दूसरे को जानते थे। उत्तरी दिनाजपुर के SP सना अख्तर ने बताया कि पुलिस जब पोस्टमॉर्टम के लिए लड़की का शव लेने गई तो उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। इसके बाद पुलिस को शव कब्जे में लेने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। हिंसा में शामिल कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस कार्रवाई में तीन लोग घायल हो गए और उन्हें रायगंज सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले को लेकर भाजपा IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा- पश्चिम बंगाल पुलिस जिस शव को असंवेदनशीलता से घसीट रही है, वह उत्तर दिनाजपुर के कलियागंज में राजबंशी समुदाय की एक नाबालिग रेप और मर्डर पीड़िता का है। ऐसी जल्दबाजी अक्सर तब देखी जाती है, जब मकसद सबूतों को खत्म करना या कमजोर करना और अपराध पर पर्दा डालना होता है।

बंगाल में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि हमें पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया गया। उन्हें धोखे से एक पुलिस स्टेशन ले जाया गया और वहां जबरदस्ती बैठा दिया गया। स्थानीय भाजपा सांसद देबाश्री चौधरी ने घटना की जांच CBI से कराने की मांग की है। वहीं, राज्य की महिला एवं बाल विकास और सामाजिक कल्याण मंत्री डॉ. शशि पंजा ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता जनता को भ्रमित कर उन्हें उकसाना चाहते हैं।

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