नई दिल्ली: गृहमंत्री अमित शाह की वीडियो एडिट करने वाले मामले में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने पहली गिरफ्तारी कर ली है। इस मामले में दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यूनिट ने कांग्रेस नेता को गिरफ्तार किया है। वहीं इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो से संबंधित मामले में किसी भी राजनीतिक दल का एक भी सदस्य दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा की ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस’ (आईएफएसओ) इकाई के समक्ष पेश नहीं हुआ। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने झारखंड, उत्तर प्रदेश के कुछ नेताओं और पूर्वोत्तर के एक व्यक्ति को तलब किया था, लेकिन गुरुवार को कोई भी पूछताछ के लिए नहीं आया। शाह का फर्जी वीडियो अपलोड करने और साझा करने के मामले में दिल्ली पुलिस तेलंगाना कांग्रेस के सदस्यों को दूसरा नोटिस दे सकती है।
जानकारी के अनुसार झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों के विभिन्न राजनीतिक दलों के लगभग 22 लोगों को मामले के संबंध में नोटिस जारी किया गया है और उन्हें बृहस्पतिवार, शुक्रवार व शनिवार को पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले आई4सी की शिकायत में कहा गया है कि वीडियो में शाह के बयान में धार्मिक आधार पर मुस्लिमों का कोटा खत्म करने की प्रतिबद्धता की बात है, जबकि छेड़छाड़ करके प्रसारित किए गए फर्जी वीडियो को देखकर लगता है कि शाह सभी तरह का आरक्षण खत्म करने की वकालत कर रहे थे।
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