नई दिल्ली: हर साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ तस्वीरें लेने का ही नहीं होता बल्कि फोटोग्राफी के इतिहास, महत्व और कला को समझने का भी अवसर है। तस्वीरें हमारी यादों के साथ संजोती है और हर पल की कहानी बताती है। ऐसे में तस्वीर कैसे आपके बचपन की यादें, परिवार के खास पल या यात्रा की झलक एक ही फ्रेम में कैद कर सकती है। आज इस खास दिन पर आपको बताते हैं कि इसका इतिहास और महत्व क्या है।
इतिहास
फोटोग्राफी दिवस की शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी। पहली स्थायी फोटो 1826 में फ्रांसीसी आविष्कारक जोसेफ नियसेफोर निप्से ने ली थी। इसके बाद धीरे-धीरे फोटोग्राफी कला और विज्ञान का अहम हिस्सा बन गई। अंतरराष्ट्रीय फोटोग्राफी दिवस की शुरुआत 19 अगस्त 1839 को हुई थी। फ्रांस सरकार ने लुई डैगुएर की खोज डैगुएरोटाइप को जनता के लिए पेश किया था। इसे आधुनिक फोटोग्राफी की शुरुआत माना जाता है।
महत्व
तस्वीरें समाज की संस्कृति, रीति-रिवाज और बदलाव को दिखाती है। इतिहासकार और शोधकर्ता इसको भविष्य के लिए दस्तावेज मानते हैं।
फोटोग्राफी सिर्फ तकनीक ही नहीं कला भी है। यह आपकी सोच और नजरिया सामने लाती है। फोटोग्राफर कैमरे के जरिए दुनिया को नया रुप दिखा सकते हैं।
फोटोग्राफी के जरिए आप जीवन के खास पलों को हमेशा के लिए बचा सकते हैं। जन्मदिन, शादी, यात्रा या उत्सव, हर तस्वीर हमारी यादों का हिस्सा बन जाती है।
समाचार और सोशल मीडिया की तस्वीरें समाज में जागरुकता फैलाती है। प्राकृतिक आपदा, सामाजिक मुद्दे या पर्यावरण की स्थिति तस्वीरें हमें सोचने पर मजबूर करती है।
कभी-कभी शब्द भी कम पड़ जाते हैं पर एक तस्वीर हजारों शब्दों के बराबर भाव दिखा देती है। फोटोग्राफी बिना बोले दिल की बात समझा लेती है।
इस तरह मनाया जाता है विश्व फोटोग्राफी दिवस
. इस दिन फोटोग्राफी प्रतियोगिता और प्रदर्शनी होती है।
. सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर करना
. फोटोग्राफी वर्कशॉप और सेमिनार
. परिवार और दोस्तों के साथ फोटोग्राफी ट्रिप या शूट
ऐसे बदलती है यादें
हर तस्वीर की अलग-अलग कहानी होती है। पुरानी तस्वीरें, बचपन, परिवार और खास पलों की याद दिलाती है। डिजिटल युग में तस्वीरें सिर्फ व्यक्तिगत यादों तक ही सीमित नहीं होती। सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर होने से यादें और अनुभव दूसरों तक पहुंचते हैं।