नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अमेरिका के टैरिफ का जवाब देने की तैयारी अब कर ली है। इसके लिए सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है। इसको जीएसटी 2.0 या नेक्सट जेन जीएसटी नाम दिया गया है। इसका ऐलान शुक्रवार को पीएम ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में किया है। उन्होंने इसको दीवाली का गिफ्ट भी कहा है। सितंबर में जीएसटी बैठक करके सरकार ये बदलाव करेगी। अभी जीएसटी में 4 टैक्स स्लैब 5%, 12%, 18% और 28% है। सुधार के बाद दो स्लैब 5% और 18% ही रहेंगे। इससे 12% जीएसटी के दायरे में आने वाली मक्खन, फ्रूट, जूस, ड्राई फ्रूट्स जैसी 99% वस्तुएं 5% की दायरे में आ जाएगी।
ऐसे में सीधे तौर पर ये सारी चीजें 7% सस्ती हो जाएगी। ऐसे ही 28% टैक्स के दायरे में आने वाली सीमेंट, एसी, टीवी, फ्रिज, वॉशिग मशीन जैसी 90% चीजें 18% के स्लैब में आ जाएगी यानी की 10% सस्ती। सरकार ने टैक्स रेट में स्थिरता लाने और इनपुट टैक्स क्रेडिट के जटिल सिस्टम को आसान बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, 2047 तक एक समान टैक्स स्लैब होगा। इस दिशा में दो स्लैब लाना पहला कदम है। सरकार ने जीएसटी रिफॉर्म का यह प्रस्ताव राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह को भेज दिया है। समूह इस पर अध्ययन करेगा फिर इसको सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में रखेगा।
एक बयान में वित्त मंत्रालय ने यह साफ किया है कि जीएसटी सुधारों के तीन बड़े आधार होंगे। पहला स्ट्रक्चरल सुधार होगा इसमें टैक्स ढांचे को और अच्छा बनाया जाएगा। वहीं दूसरा टैक्स दरों को तर्कसंगत बनाना है ताकि जरुरी चीजें सस्ती हो पाए। तीसरा नए रजिस्ट्रेशन रिफंड को आसान बनाना है। इससे इनपुट और आउटपुट टैक्स रेट्स में संतुलन आएगा और इनपुट टैक्स क्रेडिट का जमा होना भी कम हो जाएगा।
जीएसटी की नई दरें इस दिन होगी लागू
सरकार ने यह संकेत भी दिया है कि ये GST सुधार अक्टूबर 2025 तक किए जाएंगे। ऐसे में दीवाली तक देशभर में इसका असर दिखेगा। इन बदलावों से मीडियम फैमिली, छोटे व्यापारी और MSME सेक्टर को टैक्स से राहत मिलेगी। साथ ही इससे घरेलू उपभोग बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।