पठानकोट: राज्य सरकार पंजाब को रंगीन बनाने के लिए मेहनत कर रही है ताकि पंजाब को खुशहाल बनाया जा पाए। पंजाब की पंचायतों में विकास कार्यों को गति देने के लिए गांवों में धनराशि भी जारी की जा रही है ताकि गांव के लोगों का जीवन स्तर उठ पाए। इसके वाबजूद भी पठानकोट जिले में एक ऐसा गांव भी है। जहां करोड़ो रुपये की ग्रांट आने के बाद लोग गांव की बदहाली का रोना रोते जा रहे हैं।
बता दें कि वह गांव पठानकोट जिले का छोटेपुर है। जहां सुंदरग्राम योजना के अंतर्गत करोड़ों रुपये पूर्व में स्वीकृत किए जा चुके हैं। इसके बाद भी इस गांव में हर ओर गंदगी का माहौल है और ग्राम पंचायत के सदस्यों के द्वारा सरपंच पर घोटालों के गंभीर आरोप लगे हैं। जब ग्राम पंचायत के सदस्यों से बात हुई तो उन्होंने बताया कि सरपंच और पंचायत सचिव उनसे प्रस्ताव तो लेते हैं, परंतु उनके अनुसार काम नहीं होता। जिसके चलते उन्हें पंचायत भंग करनी पड़ी है।
उन्होंने कहा कि गांव में मनरेगा योजना के अंतर्गत कई काम होते हैं और इससे गांव के लोगों को रोजगार भी मिलता है, परंतु सरपंच सिर्फ अपने चहेतों को ही काम देता है वहीं बाकी लोगों की अनदेखी की जाती है। उन्होंने मांग की है कि यदि इस बारे में जांच की जाए तो सरपंच के बड़े घोटाले सामने आएंगे। गांव के विकास के लिए एक प्रबंधक की नियुक्ति की जाए।
इस बारे में जब सरपंच से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे विकास कार्य करवाने के लिए प्रयासरत है परंतु पंचायत का कोरम न पूरा होने के कारण वे काम नहीं करवा पा रहे हैं। जब उनसे सरकारी धन को गलत जगह खर्च करने के बारे में पूछा गया तो उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इससे यह साफ जाहिर हो गया है कि कहीं न कहीं सरपंच ने विभागीय मिलीभगत से सरकार धन का गबन किया है।

