पठानकोट: देश को आजाद हुए आज कितने साल हो चुके हैं लेकिन कुछ इलाके ऐसे हैं जहां पर हालात आज भी पहले जैसे ही हैं। आज भी कुछ लोग ऐसी जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं जिसके बाद वो यह सोचने पर मजबूर हैं कि क्या वह आजाद हैं? अब ऐसा ही मामला पठानकोट के भोआ से सामने आया है। भोआ विधानसभा क्षेत्र के लोग पिछले कई सालों से रावी नदी के गहरे पानी में नावों में सफर करके अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। इससे हमेशा किसी बड़े हादसे का डर बना रहता है। पिछले 70 सालों से रावी नदी के किनारे बसे हुए कीर नदी के लोग अपने काम के लिए रोज नाव से पठानकोट आते-जाते रहते हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि वे रोज नाव में बैठकर और अपनी जान को जोखिम में डालकर रावी नदी के गहरे पानी को पार करते हैं।
उन्होंने कहा कि हम मजबूर हैं। यदि हम सड़क मार्ग से पठानकोट जाएंगे तो उन्हें लगभग 27-28 किलोमीटर का ज्यादा सफर तय करना पड़ेगा। वहीं इस ओर नाव से सिर्फ 4 किलोमीटर का सफर है। यह बहुत ही दुखद है कि देश को आजाद हुए काफी समय हो चुका है लेकिन आज भी ये लोग नावों पर सवार होकर अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हम रावी नदी को पार करते हैं तो हमें ऐसा लगता है जैसे कि हम अभी भी गुलाम हैं। लोगों का कहना है कि जब भी चुनाव होते हैं तो उनके इलाके में नेताओं की संख्या और भी बढ़ जाती है और हमसे विकास के वादे भी किए जाते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे सब कुछ भूल जाते हैं। लोगों ने सरकार से यह मांग की है कि यहां पर एक जल्दी पुल बनाया जाए ताकि लोगों को राहत मिल पाए।