नई दिल्ली: पंजाब में सरकारी पेंशनरों को लेकर गंभीर जांच होने की तैयारी है। सरकार को वृद्धावस्था पेंशन में फर्जीवाड़े की कई शिकायतें मिलती रही हैं, जिससे यह कदम उठाया गया। करीब 3.5 लाख से अधिक पेंशनर हैं जो अब भी पेंशन का लाभ उठा रहे हैं। लेकिन इन आंकड़ों में पिछले कुछ सालों से कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया है, जो वित्त विभाग के लिए चिंता का विषय बन गया है।
वित्त विभाग की राजस्व बैठकों में यह मामला कई बार सामने आया, जिसमें लगभग 25,000 से 35,000 पेंशनरों को शक के दायरे में रखा गया है। सरकार ने पेंशनरों के रिकॉर्ड और दस्तावेजों की जांच करने का निर्णय लिया है, ताकि फर्जीवाड़े का पता लगाया जा सके। यह जांच क्लास वन से लेकर क्लास फोर तक के सभी सरकारी कर्मचारियों पर की जाएगी और यदि गड़बड़ी पाई जाती है, तो कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
सरकार ने बैंकों को पेंशनरों की जांच का जिम्मा सौंपा है। बैंकों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सभी पेंशनर जीवित हैं और उनके केवाईसी दस्तावेज अद्यतन हैं। वित्त विभाग ने 35 से 40 साल से अधिक समय से पेंशन ले रहे पेंशनरों की विशेष रूप से जांच का निर्देश दिया है। इन पेंशनरों को एक बार फिर लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना होगा, और वित्त विभाग जिला अधिकारियों के साथ मिलकर उनकी फिजिकल वैरिफिकेशन भी करवाएगा।