ESIC अस्पताल के प्रशासन पर लगे आरोप
ईएसआईसी अस्पताल काठा से सामान्य होने की बात कह कर उसे घर भेजते रहे
बददी/सचिन बैंसल:काठा स्थित ईएसआई अस्पताल से समय पर रोगी को रैफर न करने पर उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। भारतीय मजदूर संघ ने ईएसआईसी के चिकत्सकों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।कामगार नवीन कुमार पुत्र प्रीतम सिंह हार्ट का रोगी था। एक साल पहले उसका ईएसआईसी से रैफर करने पर चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में उसका आपरेशन हुआ। आपरेशन के बाद वह ठीक हो गया था। सात दिन पहले उसे दोबारा सीने में दर्द उठा। जिस पर उसे ईएसआईसी अस्पातल काठा लाया गया लेकिन उसे वहां पर चिकित्सकों ने यह कह कर वापस घर भेज दिया कि उसे कोई समस्या नहीं है। बाद में रोगी के परिजन उसे बद्दी के एक निजी अस्पताल में ले गए। वहां पर उसे ईको के टेस्ट हुआ जिससे की उसकी हालत खराब बताई गई और रोगी के परिजनों को कहा गया कि उसे उसी अस्पताल में ले जाओ जहां पर उसकी आपरेशन पहले हुआ था।रोगी के परिजन रोगी को लेकर दोबारा ईएसआईसी काठा अस्पताल पहुंचे लेकिन वहां पर तैनात महिला चिकित्सक उसे रैफर करने को तैयार नहीं हुई। और उल्टा रोगी व परिजनो के साथ अभद्र व्यवहार किया।
जिस पर परिजनो ने अस्पातल के सहायक चिकित्सा अधीक्षक को इस बारे में अवगत कराया। सहायक चिकित्सा अधीक्षक के कहने पर महिला चिकित्सक ने उसे रैफर किया। लेकिन जब तक उसे वहां पर पहुंचाया तब तक उसकी हालत काफी खराब हो गई थी और शुक्रवार को उसने चंडीगढ़ के निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया।भारतीय मजदूर संघ के जिला महासचिव ने राजू भारद्वाज ने बताया कि देरी से रैफर करने पर रोगी की हालत बिगड़ गई। समय पर उपचार न मिलने पर रोगी की मौत हो गई है। इस बारे में निगम के निदेशक को पत्र लिख कर लापरवाही बरतने पर चिकित्सक के खिलाफ जांच की मांग की गई। उधर, सहायक चिकित्सक अधीक्षक एसडी शर्मा ने इस मामले की जांच करने की बात कही है।
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