लोगों में रोष, शमशानघाट को दुरुस्त करवाने की मांग
मोहालीः नगर परिषद लालडू के वार्ड-3 के तहत गांव चौदहेड़ी में बुजुर्ग महिला की मौत के बाद परिवार समेत रिश्तेदारों को अंतिम संस्कार में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दरअसल, इस म्युनिसिपल शमशान घाट पर छत नहीं है और खुले आसमान तले चिता जलाने के बाद उसे बारिश से बचाने के बंदोबस्त करने पड़े। लोगों में शमशानघाट की दयनीय हालात को लेकर प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त है।
जानकारी मुताबिक गांव की 70 वर्षीय नायब कौर पत्नी भाग सिंह का वीरवार शाम 7 बजे देहांत हो गया था। वीरवार को बारिश के कारण परिवार व रिश्तेदारों की चिंता कहीं ज्यादा बढ़ गई, क्योंकि एकमात्र शमशान घाट पर बारिश से बचाने के लिए कोई शैड नहीं है और न ही चारदीवारी। यहां तक कि शमशान को जाने वाला कच्चा रास्ता भी बारिश के कारण कीचड़ से भरा हुआ था। शानघाट के अंदर बाहर व रास्ते में भी जंगली घास व झाड़ियां उग आयी हैं। शमशान तक पहुंचने के लिए पहले रास्ता साफ करना पड़ा और बाद में लोग कड़ी मशक्कत के बाद शमशान घाट पहुंचे।
गांव के गुरदीप सिंह व धरम सिंह ने बताया कि चिता जलाने के आधे घंटे बाद बारिश तेज हो गई। ऐसे में धर्मशाला में पड़ी आधा दर्जन टीन की चादरें, सीढ़ियां लेकर वे मौके पर पहुंचे और सीढ़ी लगाकर चिता जितनी जगह पर खुद ही चादरें डालकर उन्हें उड़ने से बचाने के लिए बांधना पड़ा। परिवार समेत लोगों में इस बात का रोष अधिक है कि नगर परिषद की लापरवाही से मरने वाले की अंतिम यात्रा और पीड़ादायक बन गई।
वार्ड नंबर 3 के पार्षद हरिचंद ने शमशानघाट की इतनी बुरी अवस्था के सवाल पर कहा कि कुछ समय पहले शमशान के शेड की सारी चादरें टूट चुकी हैं और कुछ टूटकर हवा में उड़ गई थीं। वे काफी समय से प्रशासनिक अफसरों के चक्कर काट रहे हैं, परंतु उनकी बात पर किसी ने कार्रवाई नहीं की, लेकिन अब जल्द ही युद्धस्तर पर चादरें बदलने व साफ सफाई का काम किया जाएगा।