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कुटलैहड़ के चुरडी स्कूल की दयनीय स्थिति, पल्स टू में प्रिंसीपल के अलावा कोई प्रवक्ता नहीं: दविंदर भुट्टो

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हाई में 74 और पल्स टू में 29 छात्र ,लेकिन स्कूल में पढ़ाने वालों की पोस्ट खाली

शिक्षा क्षेत्र को बुलंदियों पर ले जाने बालों का यह व्यवस्था परिवर्तन, जल्द हो समाधान नहीं तो होगा आंदोलन

ऊना/सुशील पंडित: कुटलैहड़ भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक दविंदर भुट्टो ने कहा कि कुटलैहड़ क्षेत्र के चुरडी स्कूल की स्थिति आज बेहद चिंताजनक हो चुकी है। यहां के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस क्षेत्र के लिए जो सबसे बड़ी चिंता का विषय है, वह है यहां शिक्षकों की भारी कमी। चुरडी स्कूल में प्रिंसीपल के अलावा कोई अन्य प्रवक्ता नहीं हैं, जिससे छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में भारी कठिनाइयाँ आ रही हैं। दविंदर भुट्टो ने कहा कि  राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल चुरड़ी में छठी से दसवीं तक 74 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन इन 74 छात्रों के लिए अन्य 6 से 7 पोस्ट प्रवक्ताओं की सीटें खाली पड़ी हैं। यह स्थिति शिक्षा के स्तर को प्रभावित कर रही है, क्योंकि एक प्रिंसीपल के लिए इतने सारे छात्रों को उचित शिक्षा देना लगभग असंभव है। इसके अतिरिक्त, स्कूल में पल्स-टू (12वीं) के 29 छात्र हैं, लेकिन वहां भी कोई प्रवक्ता नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि इन छात्रों को उच्च शिक्षा किस तरह से प्राप्त होगी? भुट्टो ने कहा कि चुरडी स्कूल का भौगोलिक स्थान भी इस समस्या को और बढ़ा देता है।

चुरडी स्कूल के पास 14 किलोमीटर के दायरे में कोई और स्कूल नहीं है, जहां अभिभावक अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवा सकें। इस कारण बच्चों के पास अपने अध्ययन की बेहतर संभावनाओं का अवसर बहुत सीमित हो जाता है। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच दोनों प्रभावित हो रही हैं। चुरडी क्षेत्र को पिछड़े क्षेत्रों में गिना जाता है, और यहां के लोग पहले से ही कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। भाजपा नेता भुट्टो ने सुक्खू सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने 417 प्रवक्ताओं की नई नियुक्ति का ऐलान किया है, और प्रदेश में प्रवक्ताओं की नियुक्तियां भी हुई हैं। लेकिन इस योजना का असर चुरडी स्कूल पर बिल्कुल भी नहीं पड़ा। इस क्षेत्र में एक भी प्रवक्ता की नियुक्ति नहीं की गई है। यह दिखाता है कि सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का जमीनी स्तर पर असर नहीं हो पा रहा है। वहीं, स्कूल में क्लर्क की भी नियुक्ति नहीं है, जिसके कारण प्रशासनिक कार्यों में भी समस्या उत्पन्न हो रही है।

भुट्टो ने कहा कि सुक्खू सरकार की यह स्थिति इस बात को दर्शाती है कि सरकारी शिक्षा प्रणाली में गंभीर नहीं है। भुट्टो ने कहा कि अगर चुरडी जैसे पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर बढ़ाना है, तो यहां की शिक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता देनी होगी। सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द प्रवक्ताओं की नियुक्ति करे और स्कूलों में आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराए। सिर्फ सरकारी घोषणाओं से बात नहीं बनेगी, ठोस कदम उठाने होंगे ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। दविंदर भुट्टो ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर चुरडी स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति और प्रशासनिक सुधार जल्द नहीं होते हैं। तो कुटलैहड़ भाजपा ने चेतावनी दी है कि वह सरकार के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन करेगी। यह आंदोलन शिक्षा के अधिकार के लिए और छात्रों के भविष्य को बचाने के लिए होगा।

यह समय की मांग है कि सरकार इस समस्या का समाधान शीघ्र करें, ताकि बच्चों को उनके भविष्य के लिए सही दिशा मिल सके। भुट्टो ने कहा कि कूटलैहड़ के चुरडी स्कूल की दयनीय स्थिति शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी चूक और उपेक्षा को दर्शाती है कि शिक्षा के अधिकार को पूरी तरह से साकार करने के लिए आवश्यक है कि सरकार इस मामले में तुरंत कदम उठाए। सिर्फ घोषणाओं से काम नहीं चलेगा, ठोस और तत्काल निर्णय लेने होंगे ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके और उनका भविष्य उज्जवल हो सके। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष राजेंद्र मलांगड़,सूरम सिंह,सतीश धीमान, प्रवीण पादा मौजूद रहे।

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