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पारस हेल्थ ने कैंसर से जूझ रहे 81 वर्षीय व्यक्ति की बचाई जान, इस तकनीक से मरीज को मिला जीवनदान, देखें वीडियो

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पंचकूला: पारस हेल्थ की ओर से सेहत संबंधी समस्याओं से जूझ रहे 81 वर्षीय कैंसर सर्वाइवर में दुनिया का सबसे छोटा और नया माइक्रा VR-2 Pacemaker सफलतापूर्वक लगाया गया। यह दुर्लभ और जोखिम भरा ऑपरेशन 4 सितंबर 2025 को किया गया और मरीज को 24 घंटे के अंदर सुरक्षित डिस्चार्ज कर दिया गया। यह पंचकूला क्षेत्र में एडवांस्ड हार्ट केयर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

मरीज श्री सिंह की मेडिकल हिस्ट्री बहुत ही मुश्किल थे। वह गले के कैंसर से जूझ रहे थे और कई बार उन्होंने रेडिएशन थेरेपी भी करवाई थी। इसके चलते उनके सीने पर गहरे निशान भी हो गए थे। वोकल कॉर्ड पैरालाइज हो गया था और खाने के लिए वह फीडिंग ट्यूब पर निर्भर हो गए थे। उनके हालत काफी कमजोर हो गई थी। बार-बार इंजेक्शन और बेहोशी के कारण सेहत और भी बिगड़ती जा रही थी।

जांच के दौरान यह पता चला कि उनका पूरा दिल ब्लॉक हो गया है। इस जानलेवा स्थिति से बचने के लिए उन्हें तुरंत इलाज की जरुरत थी। ज्यादा उम्र, कमजोरी और सीने पर बने हुए गहरे निशानों के कारण मरीज को सामान्य पेसमेकर नहीं लगाया जा सकता था। इलाज कर रहे कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नवीन अग्रवाल डायरेक्टर कॉर्डियोलॉजी इंटरवेंशनल ने कहा कि – यह केस बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। मरीज की हिस्ट्री देखते हुए सामान्य पेसमेकर लगाने में कई बड़ी खतरे भी थे। माइक्रा वीआर-2 एक सुरक्षित और असरदार ऑप्शन था।

इसमें कोई भी निशान नहीं पड़ता है और सीने पर बने पॉकेट्स से इंफेक्शन का खतरा भी नहीं होता और रिकवरी भी जल्दी होती है। पेसमेकर लगाने के बाद से मरीज को बेहोशी की कोई दिक्कत नहीं हुई। पारस हेल्थ पंचकुला के फैसिलीट डायरेक्टर डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि – यह सफल केस हमारी क्षमता को दिखाता है कि हम बेहद जटिल और हाई रिस्क मरीजों का इलाज कर सकते हैं। माइक्रा वीआर 2 जैसी नई तकनीकों के साथ हम हार्ट केयर में नए-नए स्टैंडर्ड ला रहे हैं।

माइक्रा वीआर-2 पेसमेकर लीडलेस हार्ट पेसिंग टेक्नोलॉजी की एक नई पीढ़ी है। इसमें आम पेसमेकर की तरह तारों और सीने पर कट लगाने की जरुरत नहीं पड़ती। इसमें इंफेक्शन का खतरा भी कम होता है और मरीज को ज्यादा आराम मिलता है। इसका नया डिलीवरी सिस्टम कैथेटर टिप पर 66% तक प्रेशर कम करता और छेद का अनुमानित खतरा भी 28.5% तक कम होता है। इस कारण इम्प्लांट प्रक्रिया भी आसान बनी रहती है।

पेसमेकर लगाने के बाद श्री सिंह ठीक हो गए और उन्हें दोबारा बेहोशी की समस्या भी नहीं हुई। इस केस से यह साबित होता है कि पारस हेल्थ पंचकुला उत्तर भारत में एडवांस्ड हार्ट ट्रीटमेंट्स का एक मुख्य सेंटर बन चुका है। यह नई तकनीक का इस्तेमाल पेशेंट की देखभाल पहले पर जोर दिया जाता है।

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