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Pregnant महिलाओं के लिए खतरनाक है Paracetamol, Donald Trump ने किया दावा

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नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आए दिन अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। अब उन्होंने हाल ही में पैरासिटामोल को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया है जिसके बाद सब हैरान हो गए हैं। ट्रंप का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान यदि महिलाएं पैरासिटामोल खाती हैं तो इससे बच्चों में ऑट्रिज्म बढ़ता है और इसको लेकर उन्होंने एक चेतावनी भी जारी कर दी है।

पैरासिटामोल खाने से बढ़ता है ऑटिज्म का खतरा

व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि – ‘मुझे लगता है कि हमें ऑटिज्म का जवाब मिल गया है। प्रेग्नेंसी में महिलाएं एसिटामिनोफेन का इस्तेमाल करती हैं। इसके कारण बच्चों में ऑटिज्म का खतरा बढ़ जाता है’। उन्होंने प्रेग्नेंट महिलाओं को चेतावनी भी दी है कि वह पैरासिटामोल का इस्तेमाल तभी करें यदि ज्यादा जरुरत है। इसका सेवन करने से बच्चों में ऑटिज्म का खतरा बढ़ सकता है। अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर की जांच के बाद यह फैसला लिया गया है।

महिलाओं को दी जाएगी वॉर्निंग

ट्रंप ने यह घोषणा की है कि US Food And Drug Administration (FDA) की ओर से प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए दवाई के लेबल पर चेतावनी लिखी जाएगी। इस चेतावनी में प्रेग्नेंसी में इसका इस्तेमाल कैसे करना है इस पर वॉर्निंग दी जाएगी। ट्रंप ने यह भी कहा है कि हम प्रेग्नेंट महिलाओं को बता रहे हैं कि इसका इस्तेमाल करने से बचें जब तक यह मेडिकली बहुत जरुरी न हो।

पैरासिटामोल को कहते हैं एसिटामिनोफेन

अमेरिका में पैरासिटामोल को ही एसिटामिनाफेन कहते हैं। यह Tylenol ब्रांड के अंतर्गत बिकती है। इस चेतावनी के बाद अब USFDA को इसके लेबल इस्तेमाल में बदलाव करना पड़ा। भारत में एसिटामिनाफेन को पैरासिटामोल के नाम से जाना जाता है और इसको दशकों से प्रेग्नेंसी के दौरान सुरक्षित दावा माना जाता है। इस के अलावा यूएसएफडीए (USFDA)ने ऑटिज्म के कुछ लक्षणों के इलाज के लिए ल्यूकोवोरिन को मंजूरी देनी शुरु कर दी है।

ट्रंप के इस दावे के बाद एफडीए ने पैरासिटामोल के लेबल पर नई चेतावनी लिखने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस दावे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। उनका यह कहना है कि किसी प्रशासन के पहले साल में इतना बड़ा निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है। ऑटिज्म को लेकर अभी और भी जांच की जरुरत है ताकि यह पता लगाया जा पाए कि पर्यावरणीय कारकों की इसमें कोई भूमिका है या नहीं।

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