Loading...
- Advertisement -
HomeHimachalजिला के अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत किया...

जिला के अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत किया जाएगा कवर 

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

योजना के तहत 0 से 18 तथा 18 से 27 वर्ष के अनाथ बच्चें होंगे लाभान्वित

ऊना/सुशील पंडित: मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना को लेकर शनिवार को जिला स्तर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता जिला कार्यक्रम अधिकारी सतनाम सिंह ने की। सुख आश्रय योजना के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत 0 से 18 तथा 18 से 27 वर्ष की आयु के अनाथ बच्चों को इस योजना के तहत मिलने वाले लाभ/सहायता के बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए मुख्यामंत्री सुखआश्रय योजना शुरू की है। योजना के तहत 18 से 27 वर्ष की आयु तक के अनाथ बच्चों को कवर किया जाएगा जिसके लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी को आवेदन करना होगा। 
उन्होंने बताया कि जिला बाल संरक्षण इकाई ऐसे सभी अनाथ बच्चों की सुविधा में सक्रिय भूमिका निभाएगी। अनाथ बच्चों की पात्रता जिला बाल संरक्षण अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रमाणित की जाएगी। उसके उपरांत वरीयता के साथ पूरा मामला उपायुक्त को भेजा जाएगा। महिला एवं बाल विकास निदेशालय द्वारा इसके लिए राजस्व अधिकारियों के परामर्श से इस संबंध में आवेदन पत्र तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उपायुक्त को जिला कार्यक्रम अधिकारी से मामला प्राप्त होने पर भूमि आवंटित करने के लिए सक्षम प्राधिकारी होगा। 
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना-2023 के तहत राज्य सरकार द्वारा विभिन्न लाभ प्रदान किए जाएंगे जिसमें सामाजिक सुरक्षा के तहत बाल-बालिका आश्रमों में रहने वाले प्रत्येक बच्चे के लिए आवर्ती जमा (आरडी) खाता खोला जाएगा और जिला बाल संरक्षण अधिकारी के साथ संयुक्त संचालन में खाते आयोजित किए जाएंगे। 0 से 14 वर्ष के बच्चों को एक हज़ार रुपये प्रति बच्चा प्रति माह, 15 से 18 वर्ष  2,500 रुपये प्रति बच्चा प्रति माह, एकल नारी 2,500 रुपये प्रति बच्चा प्रति माह 14 वर्ष से अधिक आयु के बच्चे अपनी आवश्यकता के अनुसार इन खातों से धन निकाल सकेंगे।
इस योजना के तहत उत्सव भत्ता 500 रुपये प्रति बच्चा बाल देखभाल संस्थानों, राज्य गृह सह संरक्षण गृह, शक्ति सदन और वृद्धाश्रम के निवासियों के बैंक खाते में मुख्य त्योहार मनाने के लिए हस्तांतरित किया जाएगा।भूमि का आवंटन और घर के निर्माण के लिए अनुदानउन्होंने बताया कि एक व्यक्ति जो 27 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हो गया है और जो भूमिहीन है, वह टीसीपी मानदंडों के अनुसार एक बार सरकारी भूमि यानी तीन बिस्वा और अपने पूरे जीवन काल के दौरान किसी भी समय घर के निर्माण के लिए आवास अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र होगा। आवास निर्माण के लिए 1.5 लाख रुपये दिए जाएंगे, ग्रामीण विकास की आवास योजना के पूरक के रूप में अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत आवास निर्माण के लिए 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की जाएगी। 
इस योजना के अंतर्गत भारत के विभिन्न स्थलों/ऐतिहासिक स्थलों के लिए शैक्षिक भ्रमण/भ्रमण यात्रा का आयोजन प्रति वर्ष 15 दिनों के लिए किया जाएगा। बच्चों के लिए यात्रा की व्यवस्था शताब्दी (चेयर कार)/एसी वॉल्वो/एयर सुविधा द्वारा की जाएगी। ऐसे दौरों के दौरान ठहरने की व्यवस्था तीन सितारा होटलों में की जाएगी।इन योजना के अंतर्गत ऑनलाइन कोचिंग आयोजित की जाएगी और ऑफ़ लाइन कोचिंग सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। हायर सेकेंडरी और ग्रेजुएशन के दौरान कोचिंग दी जाएगी। कोचिंग के लिए प्रति व्यक्ति 1 लाख रुपये प्रति वर्ष की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। पाठ्यक्रम के दौरान प्रति व्यक्ति प्रति माह 4 हज़ार रुपये का मासिक वजीफा भी प्रदान किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश राज्य से संबंधित 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद पात्र बच्चों/व्यक्तियों के लिए छात्रावास व मैस शुल्क और ट्यूशन फीस सहित उच्च शिक्षा (शैक्षणिक)/व्यावसायिक प्रशिक्षण/कौशल विकास) का सभी व्यय वास्तविक दरों पर वहन करेगा। अध्ययन अवधि के दौरान उनके व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए प्रति माह 4 हज़ार रुपये का वजीफा दिया जाएगा। यदि संस्थान में छात्रावास की सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो सरकार डिग्री / पाठ्यक्रम के पूर्ण होने तक छात्रावास के बाहर रहने और रहने का पूरा खर्चा भी वहन करेगी।
उन्होंने बताया कि 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद अपना निजी कार्य स्थापित करना चाहते हैं तो उन्हें प्रति व्यक्ति 2 लाख रुपये की एक बार वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिससे वे आजीविका अर्जित कर सकें। ये व्यक्ति मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना के तहत ऋण/लाभ के हकदार होंगे। मिशन वात्सल्य योजना के पूर्व लाभार्थी या कोई अन्य अनाथ सरकार की किसी अन्य योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे। हालांकि, योजनाओं की समान प्रकृति के लिए लाभ केवल एक योजना के तहत दिया जाएगा।
योजना के तहत मिशन वात्सल्य के सभी पूर्व लाभार्थियों या 18 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हुए लोगों को कानून के अनुसार विवाह योग्य आयु प्राप्त करने के बाद एक बार विवाह अनुदान 2 लाख रुपये या वास्तविक जो भी कम हो, प्रदान किया जाएगा, जिसमें से 51 हज़ार रुपये व्यक्ति के विवाह के समय शगुन के रूप में लाभार्थी के खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे।
इस योजना के तहत यदि कोई भी इच्छुक बच्चा/व्यक्ति इस योजना का लाभ लेना चाहता है तो कार्यालय (दूरभाष न०- 01975-225850,82196-04768) से सम्पर्क कर सकते हैं।इस दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी कमलदीप सिंह, जिला कल्याण अधिकारी अनीता शर्मा, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी, समस्त वृत्त प्रवेषक, जिला बाल संरक्षण ईकाई सहित अन्य विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया।
- Advertisement - spot_img

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page