Loading...
- Advertisement -
HomeHimachalHimachal News: कारगिल विजय दिवस पर ऊना वासियों का अमर बलिदानियों को...

Himachal News: कारगिल विजय दिवस पर ऊना वासियों का अमर बलिदानियों को सलाम

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

जिला स्तरीय कार्यक्रम में शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित

ऊना/सुशील पंडित:  कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर जिला स्तरीय कार्यक्रम एमसी ऊना के शहीद स्मारक में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उपायुक्त जतिन लाल तथा विशेष अतिथि के रूप में शहीद कैप्टन अमोल कालिया के पिता सतपाल कालिया और शहीद राइफलमैन मनोहर लाल के भाई यशपाल ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी।

इस दौरान पुलिस अधीक्षक अमित यादव, सहायक आयुक्त वरिंद्र शर्मा, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त मनोज कुमार, जिला सैनिक कल्याण विभाग के उपनिदेशक (रि.) कर्नल एस.के. कालिया, (रि.) कर्नल डी.पी. वशिष्ठ, (रि.) कर्नल केबी शर्मा, पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष (रि.) कैप्टन शक्ति चंद सहित पूर्व सैनिकों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भी शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

शहीदों के योगदान को सदैव स्मरण रखें : जतिन लाल
इस अवसर पर उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि कारगिल युद्ध जैसी वीरता की मिसाल दुनिया में दुर्लभ है। भीषण ठंड और विपरीत परिस्थितियों के बीच हमारे सैनिकों ने शौर्य और साहस का परिचय देते हुए विजय हासिल की। उनका यह बलिदान देश कभी नहीं भूल पाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए कारगिल युद्ध में भारतीय सेना का अदम्य साहस आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।

उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे शहीदों से प्रेरणा लेकर देश सेवा का संकल्प लें, शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दें और नशे से दूर रहें।कार्यक्रम के उपरांत उपायुक्त ने डीआरडीए सभागार में पूर्व सैनिकों की चाय पर मेजबानी की। इस दौरान पूर्व सैनिकों ने उन्हें अपनी विविध मांगों से अवगत कराया। उपायुक्त ने उनकी सभी मांगों को गौर से सुना तथा तत्काल उनको पूरा करने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

भारतीय सेना के शौर्य की अमर गाथा है कारगिल युद्ध
कारगिल का युद्ध 25 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक चला। इस युद्ध में भारतीय सेना के सामने पाकिस्तानी सेना की करारी शिकस्त हुई थी। 25 जुलाई 1999 तक भारतीय सेना ने अपनी सभी चौकियों और मोर्चों पर पुनः कब्ज़ा जमा लिया था और 26 जुलाई को युद्धविराम के साथ विजय की घोषणा हुई। तभी से हर वर्ष 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस युद्ध में हिमाचल प्रदेश के 52 वीर सपूतों ने सर्वोच्च बलिदान दिया। इनमें ऊना जिले के दो वीर सैनिक कैप्टन अमोल कालिया और राइफलमैन मनोहर लाल भी शामिल थे। उनके अदम्य साहस को देश सदैव स्मरण करता रहेगा।
कारगिल युद्ध में चार परमवीर चक्र प्रदान किए गए थे। इन चार में से दो परमवीर चक्र प्रदेश के ही शूरवीरों को मिले, शहीद कैप्टन विक्रम बतरा (मरणोपरांत) और सूबेदार मेजर (तत्कालीन सिपाही) संजय कुमार। इन रणबांकुरों की शौर्यगाथा पर सम्पूर्ण देश और प्रदेश को गर्व है।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page