सोनीपतः ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल, आज सुप्रीम कोर्ट ने जूनियर नेशनल रेसलर सागर धनखड़ हत्या मामले में ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की जमानत रद्द कर दी है। दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को पलटते हुए कोर्ट ने 7 दिन में सरेंडर करने का निर्देश दिया। सुशील पर हत्या, अपहरण और दंगा समेत कई गंभीर आरोप हैं। हालांकि इस केस में दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी थी। पहलवान सुशील कुमार मामले में शिकायतकर्ता की वकील जोशीनी तुली ने कहा, ‘आज सुशील कुमार को दी गई जमानत एक त्रुटिपूर्ण आदेश होने के कारण रद्द कर दी गई।
इसीलिए पीड़ितों के पिता अशोक धनखड़ की अपील पर उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया गया है। हमने उस आदेश को इस आधार पर चुनौती दी थी कि वह एक त्रुटिपूर्ण आदेश था। यह कानूनन सही नहीं था, क्योंकि सुशील कुमार ने जब भी अंतरिम जमानत ली थी, तब गवाहों से छेड़छाड़ की थी। मुख्य गवाह ने मामले का समर्थन किया था। घटना का वीडियो फुटेज भी मौजूद था, इसलिए आज यह अपील स्वीकार कर ली गई। सुशील कुमार जब भी अंतरिम जमानत पर बाहर आए, उन्होंने घायल गवाहों सहित सभी सरकारी गवाहों से छेड़छाड़ की।
इसीलिए वे सभी निचली अदालत के समक्ष अपने बयानों से मुकर गए। मुकदमा अभी भी चल रहा है। निचली अदालत में कई सरकारी गवाहों से पूछताछ होनी बाकी है।’ सुशील कुमार पर संपत्ति विवाद में 4 मई, 2021 को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में जूनियर पहलवान सागर धनखड़ और उनके दोस्तों पर जानलेवा हमला करने का आरोप है। हमले में घायल सागर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। पुलिस ने इस मामले में सुशील कुमार को गिरफ्तार किया था। बता दें कि पूर्व जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ की हत्या से जुड़ा है।
पहलवान सुशील कुमार ने साथियों के साथ मिलकर 5 मई को रात में सागर की पिटाई की थी। बाद में सागर की मौत हो गई थी। इसके अलावा चार और पहलवान भी जख्मी हुए थे। आरोप पत्र में 13 आरोपियों को नामजद किया गया है। दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, गैर इरादतन हत्या, आपराधिक साजिश, अपहरण, डकैती, दंगा समेत अन्य अपराधों में प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें सुशील और उसके दोस्त मिलकर कुछ लोगों की पिटाई कर रहे थे।