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प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में दो साल से ज्यादा न टिके अधिकारी

नेशनल हाईवे बददी पुल निर्माण की धीमी रफतार पर हिमाचल का उद्योग जगत खफा

दभोटा में पंजाब सरकार से समन्वय करके चालू क्यों नहीं करवाया गया पुल: अशोक

उद्योग संघ की मासिक बैठक में कई मुददों पर हुई अहम चर्चा

सडक़ों पुलों को लेकर हुआ हंगामा अभी तक नहीं सुधरी व्यवस्था

बददी/ सचिन बैंसल: औद्योगिक संस्था लघु उद्योग संघ हिमाचल की मासिक बैठक प्रदेशाध्यक्ष अशोक राणा की अध्यक्षता में हुई जिसमें संगठन को मजबूत बनाने के साथ साथ आगामी रणनीति पर चर्चा की गई। उद्यमियों को काम काज में कोई दिक्कत न आए इसलिए हर हफते किसी न किसी अधिकारी से मिलकर उनके विभाग से संबधित मसलों को उठाया जाएगा और उसके सरलीकरण पर बात की जाएगाी। प्रदेश महासचिव अनिल मलिक व प्रांत कोषाध्यक्ष सत्तपाल जस्सल ने बताया कि सर्वप्रथम इस बात पर चर्चा हुई कि किस प्रकार पूरे हिमाचल में प्रवास करके हर जिला के उद्यमियो को कैसे जोडा जाए। इसके लिए संगठन के चेयरमैन विचित्र सिंह पटियाल को प्रवास की जिम्मेदारी सौंपी गई। वहीं उसके बाद बीबीएन इंडस्ट्रियल एरिया की कनेक्टिविटी व सडक़ों पर चिंता जाहिर की गई। प्रदेशाध्यक्ष अशोक राणा ने कहा कि बददी मेन पुल जो कि हिमाचल को सिंसवा व हरियाणा से जोड़ता है का काम बहुत धीमी गति से चल रहा है। नेशनल हाईव आथोरिटी आफ इंडिया यह मानकर चला हुआ है कि इस पुल काम फोरलेन के काम के साथ साथ रुटीन किया जाए जो कि गलत है। विभाग को इस पुल को दिसंबर की बरसात से पहले युद्वस्तर पर काम करके शुरु करना चाहिए। कल लघु उद्योग संघ की एक टीम ने निर्माणाधीन पुल का दौरा किया तो पाया कि वहां लेबर बहुत की कम थी और जिस हिसाब से यह काम हो रहा है उससे नहीं लगता कि अगली बरसात तक यह पूर्ण हो पाएगा। हमारे लिए दुख की बात है कि पूरे भारत से कच्चा माल लेकर आने वाले मेहनती ट्रक चालक आज भी नदी मेें से गुजरने से मजबूत है जहां अथक चढ़ाई है और ट्रक पलटने या बैक होने का खतरा बरकरार है। खोखरा से सिंसवा जाने वाली सडक़ गांव से होकर जाती है जबकि अगर विभाग चाहता तो यह वैकल्पिक मार्ग नदी के साथ साथ मेन पुल के खत्म होने तक बन सकती है। गांव के ट्रैफिक को काटने के लिए विभाग ने कोई रणनीति नहीं बनाई।
 
दो साल से ज्यादा न टिके अधिकारी
कार्यकारिणी ने प्रदेश सरकार को प्रस्ताव पारित करके भेजा कि प्रदेश का कोई भी औद्योगिक क्षेत्र हो वहां पर कोई भी अधिकारी व कर्मचारी दो साल से ज्यादा नहीं टिकना चाहिए। पूर्व की सरकार में यह मुददा विधानसभा में भी गूंजा था कि यहां पर अधिकारी सालों से डटे हैं और जाने का नाम नहीं लेते या मुड मुड कर फिर से बददी नालागढ़ आ जाते हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू स्वयं इस मामले में संज्ञान लेे और एक विशेष पालिसी बनाए कि कोई भी विभाग हो, कोई भी अधिकारी यहां दो साल से ज्यादा न रहे। आबकारी एवं कराधान विभाग के एक अडियल अधिकारी के रवैये को लेकर भी चिंता जाहिर की गई जो कि जी.एस.टी नंबर लेने में फालतू के अडंगे डालता है। इसकी शिकायत सी.एम विंडो में की जाएगी

यह रहे उपस्थित
बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष तरसेम शर्मा, संयुक्त सचिव अरुण कुमार शर्मा, सौरभ गुप्ता, प्रदीप कुमार धीमान, अनिल मलिक, सत्तपाल सिंह जस्सल, सीएस ठाकुर, दीपक कुमार वर्मा सहित कई सदस्य उपस्थित थे।

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