धर्म: शारदीय नवरात्रि कल से शुरु हो रहे हैं। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां के नौ अलग-अलग रुपों की पूजा की जाती है। हर दिन का अपना खास महत्व होता है। नौ दिन का यह त्योहार पूरे भारत में बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर सोमवार से हो रही है। इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन है ऐसे में नवरात्रि 10 दिनों तक मनाए जाएंगे।
गुड़हल के फूल का खास महत्व
नवरात्रि में मां दुर्गा को लाल गुड़हल का फूल जलाया जाता है। लाल रंग साहस, शक्ति और एनर्जी का प्रतीक माना जाता है जो मां दुर्गा के स्वरुप से भी मिलता है। गुड़हल मां दुर्गा का प्रिय फूल माना जाता है। इसके अलावा यह मनोकामनाओं को पूरा करने, सफलता और समृद्धि दिलवाने वाला भी माना जाता है।
इसलिए अर्पित किया जाता है फूल
. गुड़हल का फूल मां दुर्गा को अर्पित करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्हें जीवन में सफलता भी मिलती है।
. मां दुर्गा को यह फूल अर्पित करने से घर में पॉजिटिविटी का संचार होता है और नेगेटिविटी दूर होती है।
. यह फूल मां को अर्पित करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में भक्तों को सफलता भी मिलती है।
. गुड़हल का फूल प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है इसलिए गुड़हल का फूल मां को अर्पित करने से व्यक्ति को सच्चा प्यार और सुख मिलता है।
. यह फूल मां को अर्पित करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि, धन-धान्य और सौभाग्य भी बढ़ता है।
ऐसे करें पूजा
नवरात्रि के दौरान पूजा का भी खास महत्व होता है। पहले दिन स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें। फिर व्रत-पूजा का संकल्प लें और ईशान कोण में पूजा के लिए चौकी रखें। अस पर पीले रंग का कपड़ा डालें। कपड़े के ऊपर सात तरह का अनाज रखें और कलश स्थापित करें। कलश में रक्षासूत्र बांधे और तिलक लगाएँ। फिर कलश में गंगाजल भरे। कलश में चावल, फूल, हल्दी, चंदन, सुपारी, रोली सिक्का, दूर्वा घास आदि डालें। अब ऊपर से 5 आम या फिर अशोक के पत्ते रखकर कलश को ढक दें। अब ढक्कन को अक्षत के साथ भरें और ऊपर सूखा नारियल रख दें। नारियल में पहले तिलक लगाकर रक्षासूत्र से लपेट लें। फिर कलश के पास अखंड ज्योति जलाएं। यह ध्यान रखें कि ज्योति नवमी तक जलती रहे।