नई दिल्ली: सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से देशभर के सात करोड़ से अधिक ईपीएफओ अंशधारकों को लाभ मिलेगा, जिनके खातों में यह ब्याज दर आगामी महीनों में जमा की जाएगी। यह ब्याज दर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा 28 फरवरी 2024 को आयोजित केंद्रीय न्यासी मंडल की 237वीं बैठक में तय की गई थी। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने की थी। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ब्याज दर 8.25 प्रतिशत बरकरार रखी जाएगी, जो कि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में दी गई दर के बराबर है।
ब्याज दर को अंतिम रूप देने के लिए इसे वित्त मंत्रालय के पास मंजूरी हेतु भेजा गया था, जिसे अब औपचारिक स्वीकृति मिल गई है। श्रम मंत्रालय ने गुरुवार को EPFO को इस संबंध में सूचना दे दी है, जिसके बाद EPFO अंशधारकों के खातों में ब्याज जमा की प्रक्रिया शुरू करेगा। पिछले वर्षों की तुलना करें तो, वित्त वर्ष 2022-23 में ईपीएफ पर ब्याज दर 8.15 प्रतिशत थी, जबकि 2021-22 में इसे घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया गया था, जो 4 दशक से अधिक का सबसे निचला स्तर था। इससे पहले 2020-21 में ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी।
ब्याज दर में स्थिरता को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय आर्थिक स्थिरता और EPFO के वित्तीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे कर्मचारियों में भविष्य निधि को लेकर भरोसा बना रहेगा और सेवानिवृत्ति के बाद की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। ईपीएफ ब्याज दर में निरंतरता से यह स्पष्ट होता है कि सरकार और EPFO दोनों ही संतुलित और सतत रिटर्न प्रदान करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। यह निर्णय लाखों कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है, खासकर ऐसे समय में जब निवेश पर सुनिश्चित और सुरक्षित रिटर्न की मांग अधिक है।