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अब Ukraine के राष्ट्रपति हुए ट्रंप से परेशान, PM Modi को कॉल कर कही ये बात

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नई दिल्ली: भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय कूटनीति व्यस्त चल रही है। दुनिया पर टैरिफ लादने के लिए ट्रंप की मनमानी मुहिम इस समय टैरिफ का युक्रेन युद्ध के साथ कनेक्शन भारत पर इसका असर ऐसे कई पहलू होते हैं जिससे न सिर्फ भारत को 2-4 होना पड़ रहा है बल्कि कई मामलों में भारत को कुछ देश उम्मीद भरी निगाहों से भी देख रहे हैं।

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की केे द्वारा पीएम मोदी को फोन करना इन सभी नेताओं की इस रणनीति का ही हिस्सा है। इन नेताओं की कॉल्स की टाइमिंग और संदर्भ जरुरी है क्योंकि ट्रंप की टैरिफ नीतियों और रुस-यूक्रेन युद्ध जैसे वैश्विक मुद्दों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अनिश्चितता पैदा की है।

7 अगस्त को ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने पीएम मोदी को फोन किया। 8 अगस्त को रुसी राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी की बात हुई है। फिर 12 अगस्त को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी को फोन किया। गौरतलब है कि 15 अगस्त को ही यूक्रेन के भविष्य को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप और पुतिन के बीच अलास्का में मीटिंग होनी है।

ब्राजील पर भी अमेरिका ने लगाया 50 फीसदी टैरिफ

भारत और ब्राजील दोनों ही ब्रिक्स के संस्थापक सदस्य हैं। भारत की तरह ब्राजील पर भी अमेरिका ने 50% टैरिफ लगाया है। भारत और ब्राजील दोनों ही ट्रंप की एकतरफा नीतियों का जवाब देने के लिए BRICS एकजुटता पर विचार कर रहे हैं। ब्राजील को उम्मीद है कि भारत की कूटनीतिक ताकत और ग्लोबल साउथ में उसकी स्थिति ब्रिक्स के जरिए टैरिफ युद्ध को संतुलित करने में मदद करेगी।

लूला और बाकी ब्रिक्स नेता ट्रंप के आर्थिक दबाव का मुकाबला करने के लिए भारत की रणनीतिक स्थिति का लाभ उठाना चाहते हैं। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी होने के नाते भारत ट्रंप की नीतियों को प्रभावित करने की क्षमता भी रखते हैं। मोदी के पास एक बैलेंसिंग एक्ट की छवि है। टैरिफ से प्रभावित राष्ट्रध्यक्ष चाहते हैं कि भारत अपने केस की पैरवी करते समय भी उनका ध्यान रखें।

पीएम मोदी ने किया जेलेंस्की को कॉल

पीएम मोदी ने रुस और यूक्रेन की जंग को हमेशा शांतिपूर्ण तरीके से ही सुलझाने पर जोर दिया है। ऐसे में भारत के रुस के साथ अच्छे संबंध है। गौरतलब है कि 15 अगस्त को यूक्रेन युद्ध पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और रुस के राष्ट्रपति पुतिन अमेरिका के अलास्का में मीटिंग भी कर रहे हैं। इस मीटिंग में अभी यूक्रेन की भागीदारी सुनिश्चित नहीं हुई है कि इस बीच पीएम मोदी को जेलेंस्की का कॉल आया है।

यूक्रेन चाहता है कि कोई भी समझौता उसकी भागीदारी के बिना न किया जाए और कम से कम उसके हितों का ध्यान रखा जाए जबकि ट्रंप और पुतिन की बीच सीधे डील की आशंका है। जेलेंस्की को यह भी डर सता रहा है कि ट्रंप यूक्रेन के हितों को नजरअंदाज करके रुस के साथ सौदा कर सकते हैं। उनकी उम्मीद है कि पीएम मोदी जिनका रुस और पश्चिम दोनों के साथ संबंध एक जैसा है। युद्धविराम वार्ता में यूक्रेन की स्थिति को मजबूत करने में मध्यस्थता कर सकते हैं या समर्थन दे सकते हैं। जेलेंस्की यही चाहते हैं कि मोदी उनकी चिंताओं को वैश्विक मंच पर रखें ताकि यूक्रेन के हितों की अनदेखी न हो।

पीएम ने एक्स पर दी जानकारी

जेलेंस्की के साथ फोन पर बात करने के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा है कि – राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बात करके और हाल के घटनाक्रमों पर उनके विचार जानकर मुझे बहुत खुशी हुई, मैंने संघर्ष के जल्द और शांतिपूर्ण समाधान की जरुरत पर भारत की दृढ़ स्थिति से उन्हें अवगत भी करवाया है। भारत इस संबंध में हर संभव योगदान देने के साथ-साथ यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संंबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह जरुरी है कि भारत हमारे शांति प्रयासों का समर्थन कर रहा है और इस रुख से सहमत भी है कि यूक्रेन से संबंधित हर मामले का फैसला यूक्रेन की भागीदारी के साथ होना चाहिए। अन्य तरीकों से परिणाम नहीं मिलेंगे। जेलेंस्की ने भारत से भी यह अपील की है कि वह रुस से कच्चे तेल के आयात को सीमित करे ताकि रुस की जंग लड़ने की क्षमता को सीमित किया जा पाए।

क्या बोलती है ट्रंप की नीति

ट्रंप की आक्रामक और कभी-कभी अपरंपरागत विदेश नीति के कारण कई देश अपने हित साधने के लिए मोदी को फोन भी कर रहे हैं। भारत की वैश्विक विश्वसनीयता और संवाद की भूमिका उसे ऐसे समय में डीलब्रेकिंग मोड में ले जाती है। यही कारण है कि लूला, जेलेंस्की और बाकी नेता लगातार पीएम मोदी के साथ संपर्क कर रहे हैं।

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