चंडीगढ़ः ट्राइसिटी के बाहर पंजीकृत वाहनों से दोगुना पार्किंग शुल्क नहीं लिया जाएगा। साथ ही दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग भी फ्री नहीं होगी। उन्हें पहले की तरह ही पार्किंग शुल्क देना होगा। ये दोनों फैसले लागू होने से पहले ही रद्द कर दिए गए हैं। हालांकि इसे जुलाई 2023 में नगर निगम सदन में पारित किया गया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका। नगर निगम ने पार्किंग से जुड़े रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) में यह बदलाव किया है, जिसके साथ ही दोनों फैसलों पर अमल से पहले ही रोक लगा दी गई है। अब इस बदलाव के बाद नया आरएफपी जारी कर कंपनियों और ठेकेदारों से बिड आमंत्रित की जाएगी।
पूर्व मेयर अनूप गुप्ता के कार्यकाल में नगर निगम सदन ने जुलाई 2023 में बाहरी वाहनों से दोगुना पार्किंग शुल्क वसूलने और दोपहिया वाहनों को पार्किंग शुल्क से राहत देने का प्रस्ताव पारित किया था। साथ ही सभी तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पार्किंग मुफ्त कर दी गई, लेकिन इस प्रस्ताव से नगर निगम को होने वाले आर्थिक नुकसान पर प्रशासन ने आपत्ति जताई थी। प्रशासन की आपत्ति के बाद अब नगर निगम ने आरएफपी में बदलाव करने का निर्णय लिया है। अब चुनाव आचार संहिता के चलते जून में चुनाव खत्म होने के बाद नया आरएफपी जारी किया जाएगा. चंडीगढ़ में एक जून को मतदान होगा।
बता दें कि बाहरी वाहनों पर दोगुना पार्किंग शुल्क लगाने के फैसले का पंजाब और हरियाणा में जोरदार विरोध हुआ था। ख़ासतौर पर पंजाब ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर इसे चंडीगढ़ पर अपना अधिकार कम करने वाला बताया। हालांकि, चंडीगढ़ बीजेपी अपने रुख पर कायम रही और इसे सही ठहराया। अनूप गुप्ता ने तर्क दिया था कि चंडीगढ़ में रहने वालों को भी पंजाब और हरियाणा में नौकरी के लिए आवास मिलना चाहिए। ये मामला काफी सुर्खियों में रहा था। पार्किंग ठेकेदार से वापस लेने के बाद नगर निगम खुद अपने स्टाफ से पार्किंग चला रहा है।
हालांकि, यह स्टाफ ऑफिस टाइम के दौरान पार्किंग में रहता है। शाम 5 बजे के बाद पार्किंग में कोई स्टाफ नहीं होगा. सभी पार्किंग स्थलों पर वाहन असुरक्षित ढंग से खड़े किए जाते हैं। पार्किंग ठेकेदार की धोखाधड़ी के बाद पार्किंग वापस ले ली गई। पार्किंग शुल्क, फर्जी बैंक गारंटी से निगम को करीब सात करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। पार्किंग में फास्टैग, बूम बैरियर, एडवांस बुकिंग स्लॉट, सीसीटीवी, पर्याप्त स्टाफ जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम ने आरएफपी तैयार कर 89 पार्किंग ठेकेदारों या कंपनियों को सौंपने का निर्णय लिया था। यहां तक कि नगर निगम सदन की बैठक में पार्किंग दरें भी तय कर दी गई थीं, लेकिन अब आरएफपी में फिर से बदलाव होगा। इसके बाद चुनाव संहिता हटने का बाद इसे दोबारा जारी की जाएगा।
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