नई दिल्लीः अगर आप नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS), अटल पेंशन योजना (APY) या NPS लाइट में निवेश करते हैं तो आपके लिए एक जरूरी अपडेट है। 1 अक्टूबर से इन योजनाओं से जुड़े फीस स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने Central Recordkeeping Agencies (CRA) द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क को संशोधित किया है। यह नया शुल्क ढांचा जून 2020 में लागू पुराने नियमों की जगह लेगा और लाखों ग्राहकों को प्रभावित करेगा।
सरकारी कर्मचारियों के लिए अब नया PRAN (Permanent Retirement Account Number) खोलने पर E-PRAN किट के लिए 18 रुपए और फिजिकल PRAN कार्ड के लिए 40 रुपए का शुल्क देना होगा। इसके अतिरिक्त, सालाना मेंटेनेंस शुल्क 100 रुपए प्रति खाता तय किया गया है। हालांकि जिन खातों में शून्य बैलेंस होगा उनसे कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए PRAN खोलने पर 15 रुपए और सालाना मेंटेनेंस शुल्क भी 15 रुपए रखा गया है। खास बात यह है कि किसी भी प्रकार के ट्रांजेक्शन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
अटल पेंशन योजना और NPS-लाइट के लिए आसान शुल्क
अटल पेंशन योजना (APY) और NPS-लाइट से जुड़े निवेशकों के लिए भी नया शुल्क स्ट्रक्चर सरल बनाया गया है। अब इन योजनाओं में PRAN खोलने पर 15 रुपए, सालाना मेंटेनेंस चार्ज 15 रुपए और ट्रांजेक्शन पर 0 शुल्क तय किया गया है। इस बदलाव का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को पेंशन योजना से जोड़ना है। NPS और NPS वात्सल्या योजना के तहत अब मेंटेनेंस चार्ज खाता बैलेंस के अनुसार तय होगा। जिन खातों में 1 लाख रुपए तक की राशि है, उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। 1–2 लाख रुपए के बीच बैलेंस पर 100 रुपए, 2–10 लाख रुपए पर 150 रुपए, 10–25 लाख रुपए पर 300 रुपए, 25–50 लाख रुपए पर 400 रुपए और 50 लाख रुपए से अधिक राशि पर 500 रुपए सालाना शुल्क लिया जाएगा। वहीं, E-PRAN किट के लिए 18 रुपए और फिजिकल PRAN कार्ड के लिए 40 रुपए शुल्क तय किया गया है लेकिन ट्रांजेक्शन चार्ज यहां भी शून्य रहेगा।
फीस की तय सीमा और अतिरिक्त सेवाओं के नियम
PFRDA ने स्पष्ट किया है कि ये शुल्क ऊपरी सीमा (Maximum Cap) हैं और CRA इससे अधिक राशि नहीं वसूल सकतीं। हालांकि, एजेंसियां कम शुल्क ले सकती हैं लेकिन वह सीमा अपने स्लैब की अधिकतम सीमा से कम नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, अगर CRA कोई नई सेवा शुरू करती है तो उसके लिए शुल्क PFRDA की पूर्व अनुमति के साथ वास्तविक लागत पर ही वसूला जा सकेगा बिना किसी अतिरिक्त मार्जिन के।
इन नए नियमों के पीछे PFRDA का उद्देश्य है कि पेंशन योजनाएं ज्यादा किफायती, पारदर्शी और सुलभ बनें। साथ ही, सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के ग्राहकों के लिए लचीलापन और विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके। यह बदलाव लोगों को पेंशन योजनाओं की ओर आकर्षित करने और रिटायरमेंट प्लानिंग को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम है। नया शुल्क ढांचा 1 अक्टूबर से लागू होगा, इसलिए अगर आप किसी भी पेंशन योजना के ग्राहक हैं तो समय रहते खुद को नए नियमों के अनुसार अपडेट कर लें।