पुणे। भारतीय टीम अपने घर में 12 साल बाद कोई टेस्ट सीरीज हारी है। इसी के साथ घरेलू जमीन पर लगातार 17 टेस्ट सीरीज जीतने के बाद जीत का यह सिलसिला टूट गया। पिछली बार टीम इंडिया को 2012-13 में इंग्लैंड ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से हराया था। उसके बाद भारत ने लगातार 18 सीरीज जीतीं। इस सीरीज में मिचेल सेंटनर (104 पर छह विकेट) की घातक गेंदबाजी के चलते न्यूजीलैंड ने शनिवार को दूसरे क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन भारत को 113 रन से हराकर तीन मैच की श्रृंखला में 2-0 से अजेय बढ़त बनाई। क्रिकेट इतिहास में यह पहला मौका है जब कीवी टीम ने भारत के खिलाफ उसके घर में टेस्ट सीरीज को अपने नाम किया है। न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 259 रन बनाकर भारत को पहली पारी में 156 रन पर समेट दिया था। न्यूजीलैंड ने दूसरी पारी में 255 रन बनाकर भारत को जीत के लिए 359 रन का लक्ष्य दिया। लेकिन भारतीय टीम दूसरी पारी में 245 रन पर ढेर होकर श्रृंखला गंवा बैठी।
New Zealand take an unassailable 2-0 lead as India lose their first Test series at home since 2012.#WTC25 | #INDvNZ : https://t.co/Kl7qRDguyN pic.twitter.com/ASXLeqArG7
— ICC (@ICC) October 26, 2024
न्यूजीलैंड की इस जीत के नायक मिचेल सेंटनर रहे, जिन्होने भारत की पहली पारी में सात और दूसरी पारी में छह विकेट चटका कर अपनी टीम को ऐतिहासिक उपलब्धि दिलायी। महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम की पिच पर सेंटनर भारतीयों के लिये काल बन कर उभरे। पहली पारी में सात विकेट चटका कर अपनी टीम को 103 रन की महत्वपूर्ण बढ़त दिलाने वाले सेंटनर का खौफ भारतीयों पर सिर चढ़ कर बोला।
न्यूजीलैंड ने दूसरी पारी में 255 रन बना कर भारत को जीत के लिये 359 रन का लक्ष्य दिया। जवाब में भारत की पूरी टीम 245 रन बना कर आउट हो गयी। न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 259 रन बनाये थे जिसके जवाब में भारत की पहली पारी 156 रन पर सिमट गयी थी। न्यूज़ीलैंड के पांच विकेट चटकाने के बाद भारत पहले सत्र में एक विकेट के नुक़सान पर 81 रन बना चुका था और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भारत इस मैच में जीत दर्ज करने की ओर बढ़ सकता है। भारत को सिर्फ़ एक अच्छे सत्र की ज़रूरत थी लेकिन दूसरे सत्र में पूरा मैच न्यूज़ीलैंड के पक्ष में झुक गया।
न्यूज़ीलैंड ने बेंगलुरु में जीत हासिल कर 36 वर्षों बाद टेस्ट में जीत हासिल की थी और अब पहली सीरीज़ जीत भी उनके नाम है। न्यूज़ीलैंड की इन दो जीत में केन विलियमसन भी टीम का हिस्सा नहीं थे, श्रीलंका में यह टीम हारकर आई थी। साउदी ने कप्तानी से इस्तीफ़ा दे दिया था लेकिन टॉम लेथम ने बढ़िया कप्तानी की। पहले मैच में कीवी तेज़ गेंदबाज़ों ने बागडोर संभाली जबकि दूसरे मैच में सैंटनर ने अगुवाई की।
बल्लेबाज़ी में कॉन्वे और रचिन रवींद्र के साथ कप्तान टॉम लेथम ने भी योगदान दिया और न्यूज़ीलैंड ने टेस्ट क्रिकेट की सबसे मुश्किल सीरीज़ में से एक सीरीज़ अपने नाम कर ली। यहां दिलचस्प है कि जब भारत पिछली बार घर पर टेस्ट सीरीज़ हारा था तब गंभीर उस टीम का हिस्सा थे और आज गंभीर टीम के मुख्य कोच हैं। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मिली उस सीरीज़ हार में अश्विन और कोहली भी भारतीय टीम का हिस्सा थे।