शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभाने पर नवाजा
दिल्ली के कांस्टीटयूशन क्लब आफ इंडिया में नवाजी देश की विभूतियां
बद्दी/सचिन बैंसल: ग्रीन एप्पल पब्लिक स्कूल बददी की प्रधानाचार्य नवजीत कौर विर्क को डाक्टरेट की मानद उपाधिक से अलंकृत किया गया है। शिक्षा और संस्कृति क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए आईकोनिक पीस अवार्ड कौंसिल नई दिल्ली ने देश की जानी मानी हस्तियों के बीच कांस्टीटयूशन क्लब आफ इंडिया में यह सम्मान प्रदान किया। गौरतबल है कि नवजीत कौर विर्क 2006 से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं।
उन्होने अपना कैरियर की करियर की शुरुआत शैमरॉम स्कूल से की थी। उसके बाद बददी जैसे औद्योगिक क्षेत्र में शिक्षा की कमी को देखते हुए मात्र 10 बच्चों के साथ एक स्कूल की स्थापना शहर में की। आज वही विद्यालय एक वट वृक्ष का रुप ले चुका है , जहां वर्तमान में 600 विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। हरियाणा के जिला पंचकूला के पिंजौर की निवासी नवजीत कौर विर्क चाहती तो बददी में किसी भी स्कूल शिक्षिका बनकर आकर्षक वेतन प्राप्त कर सकती थी लेकिन उनके भीतर कुछ अलग करने का जज्बा था।
पुरुष प्रधान समाज में महिला सशक्तिकरण की मिसान बनकर उभरी एक कर्मशील व लगनशील महिला उद्यमी बनकर उन्होने नया मुकाम छून को शिक्षा जगत का क्षेत्र चुना। बददी में न उनके पास जमीन थी न अपना मकान फिर भी विकट परिस्थितियों में उन्होने बैंक से ऋण लेकर विद्यालय स्थापित किया । आज जहां उनके स्कूल में 35 टीचर कार्यरत हैं । नवजीत का हमेशा यही मानना है कि उनके जीवन का मकसद सिर्फ पैसा कमाना नहीं बल्कि बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा देकर देश के जिम्मेदार नागरिक बनाना है।
माता पिता व गुरुजनों को दिया श्रेय- नवजीत कौर विर्क ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिलने का श्रेय अपने माता, गुरुजनों, अपने पति व अपने विद्यालय के तमाम शिक्षकों को दिया है जिनकी वजह से वो भारत की प्रमुख हस्तियों की फेरहिस्त में पहुंची। उन्होने कहा कि अब अवार्ड मिलने के बाद उनकी देश , समाज व शिक्षा के उत्थान के प्रति जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गई है। उन्होने कहा कि यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं बल्कि बददी के हर व्यक्ति का सम्मान है।