केरल की नर्स निमिषा को यमन में फांसी की सजा मंजूर, भारत सरकार कर रही मदद का प्रयास

नई दिल्ली: केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में फांसी की सजा हुई है। ब्लड मनी से लेकर राष्ट्रपति से माफी मांगने तक उनकी हर कोशिश नाकाम साबित हुई, जिसके बाद यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने भी उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगा दी। वहीं भारत सरकार का कहना है कि वह नर्स के परिवार की हर संभव मदद कर रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल का कहना है कि उनको निमिषा प्रिया की फांसी की सजा के बारे में जानकारी है। मामले में भारत सरकार हर संभव मदद कर रही है।

वहीं केरल में विपक्ष (UDF) के नेता वी डी सतीसन केंद्र और राज्य सरकार पर निमिषा को बचाने की पहल के लिए दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार को मौत की सजा को स्थगित करने और नर्स निमिषा को बचाने के लिए पहल करनी होगी।

बतादें कि निमिषा प्रिया पर अपने ही साथी तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है। निमिषा 2017 से यमन की जेल में बंद हैं। निमिषा प्रिया केरल की रहने वाली हैं। वह पेशे से नर्स हैं। उन्होंने नर्स की ट्रेनिंग लेने के बाद बेहतर करियर की तलाश में 2008 में यमन का रुख किया था। साल 2011 में इडुक्की के रहने वाले टॉमी थॉमस से शादी की थी। जिसके बाद दोनों पति-पत्नी यमन की राजधानी सना में जाकर बस गए। दोनों की एक बेटी भी है।

निमिषा यमन के प्राइवेट क्लीनिक में नर्स के तौर पर काम कर रही थीं। आमनदनी कम थी। जिसकी वजह से उन्होंने खुद का क्लीनिक खोलने के बारे में सोचा, लेकिन यमन के नियम के मुताबिक वहां बाहरियों को अपना बिजनेस रजिस्टर करने की परमिशन नहीं थी। इस काम के लिए उनको किसी की मदद चाहिए थी. इसके बाद निमिषा ने यमन के रहने वाले एक नागरिक के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया। जिस क्लिनिक में वह काम करती थीं, वहीं से चीजें गड़बड़ाने लगीं। निमिषा जिस क्लीनिक में काम करती थी उसका मालिक उसके नए काम से परेशान था।

निमिषा के मुताबिक महदी ने उनके पासपोर्ट पर कब्जा कर लिया। इतना ही नहीं उनकी शादी की फोटो के साथ छेड़छाड़ की और दावा करने लगा कि उन दोनों की शादी हुई है। जब निमिषा ने शिकायत की और मामला अदालत तक पहुंचा, तो महदी ने कथित तौर पर अपनी शादी के फर्जी दस्तावेज पेश किए, जिनको अदालत ने स्वीकार कर लिया।

निमिषा ने महदी पर कई बार शारीरिक और यौन उत्पीड़न करने का भी आरोप लगाया। निमिषा की शिकायतों और नशीली दवाओं की लत की वजह से महदी को बार-बार जेल जाना पड़ा। अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए निमिषा ने महदी को बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया, लेकिन खुराक ज्यादा होने की वजह से उसकी मौत हो गई। निमिषा ने जब यमन से भागने की कोशिश की तो उनको पकड़ लिया गया।

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