प्रिंसिपल-हेड मिस्ट्रेस को पद से हटाया, होगी कानूनी कार्रवाई
नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक नामचीन Cambridge School स्कूल में मासूम बच्ची के साथ हुए यौन उत्पीड़न का मामला गरमाया हुआ है। थाना सेक्टर-20 क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सेक्टर-27 स्थित कैंब्रिज स्कूल के बाहर शनिवार को सैकड़ों के तादाद में अभिभावक पहुंचे, लेकिन अभिभावकों को स्कूल परिसर के अंदर सुरक्षाकर्मियों ने घुसने नहीं दिया। स्कूल प्रबंध के इस रवैये को लेकर अभिभावकों ने स्कूल के बाहर हंगामा करना शुरू कर दिया। स्कूल परिसर में साढ़े तीन साल की एक छात्रा के साथ डिजिटल रेप होने के मामले में अभिभावक आक्रोश में हैं।
अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल मैनेजमेंट से पैरेंट्स जवाब मांगने पहुंचे। मिली जानकारी के मुताबिक बच्ची के शोषण मामले में स्कूल मैनेजमेंट पर बड़ी गाज गिरी है। स्कूल की प्रिंसिपल प्रीति सिरोही और हेड मिस्ट्रेस, दोनों को पद से हटा दिया गया है। यही नहीं दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी बात भी कही जा रही है। मौके पर मौजूद बच्चों के माता-पिता स्कूल प्रबंधक की मनमानी को देखते हुए स्कूल के गेट पर ही धरना देने लगे। स्कूल प्रबंधक से मिलने आए अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधक की ओर से मेल पर मिलने का समय दिया गया।
इसके बावजूद स्कूल के सुरक्षाकर्मी स्कूल प्रबंधक के कहने पर हमें अंदर मिलने नहीं दिया जा रहा है। मौके पर मौजूद अभिभावक घंटों इंतजार करने के बाद वे स्कूल प्रशासन की मनमानी को देख आक्रोशित हो गए। उनमें से एक अभिभावक का कहना है कि जूनियर विंग के बच्चों की क्लास में देख-रेख के लिए महिला स्टॉफ होना चाहिए। उनका आरोप है कि स्कूल प्रबंधक से हम मिलकर बच्चों की सुरक्षा पर बात करना चाहते हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन अपनी गलती को स्वीकार न करते हुए हमसे मिल भी नहीं रहा है। हमारे बच्चे यहां सुरक्षित नहीं हैं। वहीं इस मामले को लेकर अन्य अभिभावक का कहना है कि स्कूल प्रबंधक को अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगनी चाहिए। अभिभावकों को बुलाकार स्कूल परिसर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर बातचीत करनी चाहिए और आगे भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा न हो इसके लिए कायदे कानून बनाने चाहिए।
एक छात्रा की मां ने बताया कि हम चाहते हैं कि शांति से बैठकर बात की जाए। हम लोग ऑफिस की छुट्टी लेकर इनसे मिलने आए हैं, लेकिन ये लोग स्कूल से छुट्टी लेकर भाग गए। इससे ये जाहिर होता है कि स्कूल प्रशासन अपनी गलती स्वीकार नहीं करता है और बच्चों की सुरक्षा पर अभिभावकों से नहीं मिलना चाहता है, जबकि एक अभिभावक ने बताया कि कुछ दिन पहले एक स्कूल परिसर में एक साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी मामले में हमें कुछ भी जानकारी नहीं थी। स्कूल प्रिंसिपल की साइट से एक ई-मेल आया कि एक छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न हुआ है। मेल में पूरी बात नहीं बताई। घटना के कुछ दिन बाद स्कूल के एक ग्रुप में जुड़ने के बाद पूरा मामला पता चला। अभिभावक का आरोप है कि इस बच्ची के साथ ये पहली बार नहीं हुआ।
स्कूल के हॉउस कीपिंग की तरफ से जब पहली बार ये घटना घटित हुई तो बच्ची ने अपनी स्कूल टीचर को बताया, लेकिन टीचर ने कार्रवाई न करते हुए उल्टा मासूम बच्ची को ही डराया धमकाया। पीड़ित बच्ची को टीचर ने धमकाते हुए बोला कि यदि इस घटना के बारे में घर में किसी को बताया तो बहुत मारूंगी। उसके बाद बच्ची ने नहीं बताया। फिर दूसरी बार हॉउस कीपिंग का स्टॉफ बच्ची को मेडिकल रूम में ले गया, जहां उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। बच्ची की रोने की आवाज सुनकर स्कूल स्टॉफ वहां पहुंचा तो देखा कि बच्ची बहुत बुरी तरह रो रही थी और आरोपी भाग गया। आज यानी शनिवार को स्कूल प्रिंसिपल के साथ अभिभावकों की मीटिंग थी, जो कैंसिल कर दी गई, क्योंकि उनको पता था कि पैरेंट्स आएंगे और गुस्से में होंगे उनसे सवाल जवाब करेंगे।