नई दिल्लीः दिवाली नजदीक है और उसके बाद भाई दूज और छठ पर्व भी आ रहे हैं। भारत में कोई भी पर्व बिना मिठाई, पकवान और उपहार के बिना के अधूरा है। दिवाली पर मिठाई और गिफ्ट देने की परंपरा है। इस दिन लोग ड्राई फ्रूट्स, नट्स के डिब्बे और विभिन्न तरह की मिठाई उपहार के रूप में देते हैं। लेकिन इन दिनों बाजार में नकली काजू भी बहुत मिलते हैं। असली और नकली काजू में फर्क करना मुश्किल हो सकता है। नकली और पुराने काजू खाने से पाचन समस्याएं, एलर्जी, फूड पॉइजनिंग और इम्यूनिटी कमजोर होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
रंग देखकर करें काजू की पहचान
सबसे पहले तो असली काजू का रंग सफेद होता है जबकि नकली काजू हल्के पीले रंग के होते हैं। रंग में यह फर्क एक नजर में ही पता चल जाता है। इसलिए काजू खरीदते समय उसके रंग पर जरूर ध्यान दें।
काजू का साइज देखकर लगाएं पता
असली काजू का साइज़ भी मायने रखता है। असली काजू लगभग 1 इंच लंबे और थोड़े मोटे होते हैं। अगर साइज़ में अंतर दिखे तो समझ जाएं कि काजू नकली हो सकते हैं। आप काजू के आकार और बनावट को देखकर नकली काजू की पहचान कर सकते हैं।
स्वाद भी बता देगा हकीकत
असली और नकली काजू के स्वाद में भी थोड़ा फर्क होता है। असली काजू कभी दांतों पर नहीं चिपकते जबकि नकली काजू दांतों के बीच चिपक जाते हैं। इसके अलावा, नकली काजू पचाने में भी मुश्किल होते हैं। असली काजू चबाने पर आसानी से टूट जाते हैं जिससे इन्हें पचाना आसान होता है। आप काजू को चखकर भी असली और नकली में फर्क कर सकते हैं। असली काजू की पहचान करने का एक और तरीका उनकी क्वालिटी को समझना है। असली काजू लंबे समय तक खराब नहीं होते, जबकि नकली काजू जल्दी खराब हो सकते हैं।