संगोष्ठी का उद्देश्य सार्थक संवाद और सहयोग को बढ़ावा देना है-
चितकारा विश्वविद्यालय बरोटीवाला में किया जाएगा आयोजित
बद्दी/सचिन बैंसल: चितकारा विश्वविद्यालय बरोटीवाला 3 मई को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में पुस्तकालयों का भविष्य विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की मेजबानी करेगा। सेमिनार को राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गर्व से प्रायोजित किया जा रहा है। सेमिनार में इस बात पर चर्चा की जाएगी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई) द्वारा तेजी से आकार लिए जा रहे युग में पुस्तकालय किस तरह विकसित और अनुकूलित हो सकते हैं। ज्ञान और सूचना के प्रवेश द्वार के रूप में लंबे समय से स्थापित पुस्तकालय अब तकनीकी परिवर्तन की दहलीज पर खड़े हैं।
एआई यानि आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस उनकी सेवाओं को बढ़ाने, पहुंच में सुधार करने और उपयोगकर्ता के अनुभवों को वैयक्तिकृत करने के लिए शक्तिशाली अवसर प्रदान करता है। इस अकादमिक सम्मेलन में शिक्षाविदों, पुस्तकालय पेशेवरों, ए.आई विशेषज्ञों और प्रौद्योगिकी नेताओं का एक विविध मिश्रण इक्टठा होगा, जो पुस्तकालय पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर एआई को एकीकृत करने की क्षमता और चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। संगोष्ठी का उद्देश्य इस बात पर सार्थक संवाद और सहयोग को बढ़ावा देना है कि कैसे एआई सूचना पहुंच, डिजिटल क्यूरेशन और सामुदायिक जुड़ाव में क्रांति ला सकता है – जबकि पुस्तकालयों के मूल मूल्यों को संरक्षित करना है।
डा हेमलता ठाकुर ने बताया कि इस कार्यक्रम में भारतीय राष्ट्रीय पुस्तकालय के महानिदेशक प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह और चितकारा विश्वविद्यालय की प्रो चांसलर डॉ. मधु चितकारा मुख्य अतिथि के रूप में सेमिनार में भाग लेंगे। सेमिनार में देश भर से कई प्रतिष्ठित वक्ता और विचारक भी शामिल होंगे जो संसाधन व्यक्तियों के रूप में काम करेंगे। यह कार्यक्रम प्रतिभागियों के लिए एक समृद्ध अनुभव होने का वादा करता है, जो पुस्तकालय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एकीकरण और एआई-संचालित दुनिया में सूचना तक पहुंच के भविष्य में उभरते रुझानों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।