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आपदा प्रबंधन के लिए विभागों में आपसी तालमेल बेहद आवश्यक : महेंद्र पाल गुर्जर

आपदा प्रबंधन के लिए विभागों में आपसी तालमेल बेहद आवश्यक :  महेंद्र पाल गुर्जर आपदा प्रबंधन के लिए विभागों में आपसी तालमेल बेहद आवश्यक :  महेंद्र पाल गुर्जर
मेगा मॉक ड्रिल से पहले किया टेबल टॉप अभ्यास

ऊना जिले में 14 जून को बाढ़-भूस्खलन की आपदा को लेकर होगी मेगा मॉक ड्रिल

ऊना/ सुशील पंडित : अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने आपदा के बेहतर प्रबंधन के लिए अंतर एजेंसी तालमेल को चुस्त बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान विभागों में आपसी समन्वय बेहद जरूरी है। इससे प्रभावित क्षेत्रों में राहत बचाव कार्य प्रभावी तरीके से किए जा सकते हैं।

वे बुधवार को एनआईसी वीडियो कांफ्रेंस सभागार में 14 जून की मेगा मॉक ड्रिल से पहले टेबल टॉप अभ्यास के लिए बुलाए आपदा प्रबंधन से संबंधित अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। बता दें, मेगा मॉक ड्रिल के आयोजन को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बुधवार को वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से टेबल टॉप अभ्यास के लिए कार्यशाला लगाई। इसमें शिमला में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने भी शिरकत की। वहीं उपायुक्त कार्यालय ऊना के एनआईसी कक्ष में अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर के साथ विभिन्न हितधारक विभागों के अधिकारियों ने टेबल टॉप अभ्यास में भाग लिया।

आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर हुई चर्चा
बैठक में 14 जून को बारिश-बाढ़-भूस्खलन संबंधी मेगा मॉक ड्रिल को लेकर आपदा प्रबंधन से जुड़े हर पहलू पर विस्तार से चर्चा की गई। आपदा की अलग अलग स्थितियों में प्रबंधन के लिए क्या योजना है, त्वरित प्रतिक्रिया के तौर पर क्या क्या कदम उठाए जाने चाहिए, अलग अलग विभाग क्या दायित्व निभाएंगे और क्या कमियां और खामियां हैं, इन सब विषयों पर विचार विमर्श किया गया। अतिरिक्त उपायुक्त ने सभी विभागों से मेगा मॉक ड्रिल को गंभीरता से लेने का आग्रह किया।

तैयारियों व क्षमताओं का होगा गहन आकलन
महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि 14 जून को पूरे प्रदेश में मेगा मॉक ड्रिल होगी, इसी क्रम में ऊना जिले में भी इसका आयोजन किया जाएगा। इस दिन जिले में निर्धारित स्थलों तथा संस्थानों में बारिश-बाढ़-भूस्खलन से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर मॉक अभ्यास किया जाएगा। इसमें जिला में आपदा प्रबंधन की तैयारियों व क्षमताओं का गहन आकलन एवं विश्लेषण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे जिला आपदा प्रबंधन योजना को और पुख्ता बनाने में मदद मिलेगी।

अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि मेगा मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आपदा में प्रतिक्रिया योजना की प्रभावकारिता को परखना है, ताकि कमियों का पता लगा कर उन्हें समय से सुधारा जा सके। साथ ही इसका एक उद्देश्य सभी हितधारक विभागों व अधिकारियों को आपदा प्रबंधन को लेकर अद्यतन मानक संचालन प्रक्रियाओं और दिशा निर्देशों से परिचित कराना है।

14 जून को यहां होंगे राहत-बचाव कार्य
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि 14 जून शुक्रवार को राज्य मुख्यालय से बाढ़-भूस्खलन की काल्पनिक सूचना मिलने पर जिले के प्रत्येक उपमंडल में बारिश-बाढ़ व भूस्खलन से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर मॉक अभ्यास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस दिन उपमंडल गगरेट के टटेहड़ा गांव (स्वां नदी के समीप), बंगाणा उपमंडल के नलूट गांव (लठियाणी-बडसर रोड़), हरोली उपमंडल के तहत राजकीय प्राइमरी एंड मिडल स्कूल जननी, पोलियां बीत, अम्ब उपमंडल के पिंडी दास आश्रम और नेत्र चिकित्सालय अम्ब और ऊना के इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, टर्मिनल के पेखूबेला को घटना स्थल मानकर मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसमें सेना, अर्धसैनिक बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल जैसी केन्द्रीय एजेंसियों के अलावा जिला एवं उपमंडलों के आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी हिस्सा लेंगे।

बैठक में एएसपी सुरेंद्र शर्मा, एसडीएम गगरेट सौमिल गौतम, एसडीएम हरोली राजीव ठाकुर, डीएफओ सुशील राणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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