मुंबईः शाहपुर के एक स्कूल में हुई बेहद शर्मनाक करने वाली घटना सामने आई थी। जहां लड़कियों को कथित तौर पर कपड़े उतारने और मासिक धर्म से संबंधित शारीरिक जांच के लिए मजबूर किया गया था, राज्य महिला आयोग ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और जल्द न्याय और छात्राओं के भविष्य की रक्षा की मांग की।
सूत्रों के अनुसार शौचालय में खून के धब्बे पाए जाने के बाद, शाहपुर स्कूल प्रशासन ने कथित तौर पर कई लड़कियों ज्यादातर कक्षा 5 से 10 तक को पूछताछ के लिए बुलाया। शाहपुर पुलिस ने घटना के सिलसिले में 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। स्कूल की प्रिंसिपल समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें 15 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। बाकी तीन से फिलहाल पुलिस पूछताछ कर रही है।
हालांकि प्राथमिकी में स्कूल के 2 ट्रस्टियों का नाम दर्ज किया गया है, वहीं अभिभावक कथित पिछली घटनाओं का हवाला देते हुए दो अन्य ट्रस्टियों पर भी आरोप लगाने की जोरदार मांग कर रहे हैं। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकनकर ने गुरुवार को शाहपुर का दौरा किया और अभिभावकों से मुलाकात की। चाकनकर ने कहा कि शिक्षा विभाग इस आपत्तिजनक घटना के कारण स्कूल की मान्यता रद्द करने की कार्यवाही करेगा, लेकिन छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को नुकसान न पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए उसे तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने पुलिस को अभिभावकों और शिक्षा विभाग के साथ बैठक कर अभिभावकों की शिकायतों को समझने और गहन जांच करने का भी निर्देश दिया। शिक्षा अधिकारी द्वारा किए गए निरीक्षण में स्कूल में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं, जिनमें शिकायत निवारण समिति का न होना और सखी सावित्री समिति का केवल रजिस्टर में दर्ज होना शामिल है। इस गंभीर घटना के आरोपी प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया गया है। चाकनकर ने स्पष्ट किया कि स्कूल की मान्यता रद्द होने से बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे सोमवार से स्कूल का स्वतंत्र रूप से संचालन फिर से शुरू करने के लिए कदम उठाएं।