ऊना/सुशील पंडित: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कैबिनेट बैठक में युवाओं को सरकारी नौकरियों में भर्ती से पहले चिट्ठा (ड्रग्स) सेवन पर फिटनेस टैस्ट अनिवार्य करने के ऐतिहासिक फैसले का चारों ओर स्वागत हो रहा है। इस क्रम में कुटलैहड़ विधान सभा क्षेत्र के विधायक विवेक शर्मा ने भी इस फैसले की खुलकर सराहना की है और इसे समाज हित में बड़ा और साहसिक कदम बताया है।
विधायक विवेक शर्मा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू युवाओं को नशे के दलदल से बाहर निकालने को लेकर गंभीर हैं और लगातार इस दिशा में ठोस और कड़े निर्णय ले रहे हैं। चिट्ठे जैसे खतरनाक नशे ने न केवल हिमाचल के युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से खोखला कर दिया है, बल्कि कई घरों को उजाड़ने का काम भी किया है। ऐसे में यह टैस्ट न केवल नौकरी की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित भी करेगा। विवेक शर्मा ने कहा कि यह समय राजनीतिक विचार धाराओं से ऊपर उठने का है।समाज को नशा मुक्त बनाने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा। यह लड़ाई किसी एक पार्टी या सरकार की नहीं, बल्कि हर परिवार, हर गांव, हर समाज की है,उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ऐसे जनहितैषी फैसले के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि इस नीति के दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे और हिमाचल एक बार फिर नशा मुक्त राज्य के रूप में जाना जाएगा।
विधायक विवेक शर्मा ने कहा कि युवाओं का भविष्य दांव पर नहीं लगाया जा सकता। अगर चिट्ठा जैसे नशे को रोकना है तो हर स्तर पर सख्ती जरूरी है। उन्होंने अपील की कि राज्य के सभी राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन और आम नागरिक इस मुहिम में भागीदार बनें और अपने-अपने स्तर पर नशे के खिलाफ अभियान चलाएं।