ऊना/सुशील पंडित: विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने पत्रकारों के साथ हुए दुर्व्यवहार की निंदा की, कहा – सत्ता के संरक्षण में फल-फूल रहे हैं अवैध धंधे हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला में पंजाब सीमा से सटे क्षेत्रों में गुरुवार देर रात हुई गैस लीक की घटना ने पूरे क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया। इस घटना के कवरेज के दौरान पत्रकारों के साथ हुई बदसलूकी एवं दुर्व्यवहार पर पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने गहरा रोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है कि सच्चाई को उजागर करने के लिए मैदान में उतरे पत्रकारों को न केवल कवरेज से रोका गया, बल्कि उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास भी किया गया। सतपाल सत्ती ने कहा कि लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका चौथे स्तंभ के रूप में बेहद अहम है, और ऐसे में पत्रकारों के साथ इस तरह का व्यवहार न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि यह प्रदेश सरकार की प्रशासनिक असफलता का भी प्रमाण है।
सतपाल सत्ती ने कहा कि यह चिंताजनक स्थिति है कि सत्ता के संरक्षण में अवैध कारोबार फल-फूल रहे हैं, और अब ये लोग आम जनता की सुरक्षा के साथ-साथ पत्रकारों की स्वतंत्रता पर भी चोट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति मीडिया कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने का साहस न कर सके। विधायक सतपाल सत्ती ने कहा कि वह इस पूरे मामले की शिकायत राज्य के मुख्यमंत्री से करेंगे और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह मीडिया को निर्भीक वातावरण में काम करने की गारंटी दे, क्योंकि पत्रकार ही वो लोग हैं जो जनता तक सच्चाई पहुँचाते हैं। सतपाल
सत्ती ने कहा कि पंजाब सीमा से सटे ऊना जिला के पांच गांव — सनौली, मजारा, मलूकपुर, बीनेवाल और पूना — इस गैस लीक की घटना से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं स्वास्थ्य सेवाएं तत्काल प्रभाव से उपलब्ध करवाना सरकार का दायित्व है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब जनता भयभीत थी और प्रशासनिक मशीनरी मौके पर विलंब से पहुंची, तब वहां मौजूद स्थानीय कांग्रेस नेताओं के कुछ समर्थक पत्रकारों से उलझते और दुर्व्यवहार करते नजर आए — जो निंदनीय है और किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं।
विधायक सतपाल सत्ती ने कहा कि यह पूरा प्रकरण न केवल प्रशासनिक लापरवाही का परिचायक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस प्रकार सरकार के संरक्षण में अवैध धंधे और गैरकानूनी गतिविधियां पनप रही हैं। उन्होंने कहा कि जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाना चाहिए। अंत में विधायक सतपाल सत्ती ने पत्रकारों से एकजुट रहने और निर्भीक होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया की गरिमा की रक्षा के पक्ष में रही है, और आगे भी मीडिया कर्मियों के सम्मान और सुरक्षा के लिए आवाज उठाती रहेगी।