चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने वर्ष 2025 को किसानों के लिए मील का पत्थर साबित किया। इस वर्ष गन्ने की फसल के लिए रिकॉर्ड कीमत, फसली विविधता में तेजी और टिकाऊ कृषि प्रथाओं पर जोर दिया गया, जिससे प्रदेश में कृषि क्षेत्र में खुशहाली आई है। पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि सरकार का उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना है। इस साल गन्ने के लिए स्टेट एग्रीड प्राइस (SAP) 416 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया, जो देश में सबसे अधिक है।
प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण काम हुए हैं। खरीफ सीजन में पराली जलाने के मामले 53% घटकर 5,114 रह गए, जबकि 2024 में यह संख्या 10,909 थी। इसके लिए सरकार ने किसानों को 1.58 लाख से अधिक फसली अवशेष प्रबंधन (CRM) मशीनें सब्सिडी पर दी हैं। फसली विविधता में भी वृद्धि हुई है, जिसमें कपास की खेती का क्षेत्र 20% बढ़कर 1.19 लाख हेक्टेयर हुआ, और किसानों को बी.टी. कॉटन बीजों पर 33% सब्सिडी दी गई।

सरकार ने पानी बचाने के लिए धान की सीधी बिजाई (DSR) तकनीक को बढ़ावा दिया, जिससे इस तकनीक के तहत क्षेत्र में 17% की वृद्धि हुई। बासमती की खेती का क्षेत्र भी बढ़कर 6.90 लाख हेक्टेयर हो गया। इसके अलावा, छह जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 11,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में धान की बजाय खरीफ की मक्की की खेती शुरू कराई गई, जिसमें किसानों को वित्तीय सहायता और सब्सिडी दी गई। इन पहलकदमियों से पंजाब के किसानों को लाभ मिला और कृषि क्षेत्र में सतत विकास की दिशा मजबूत हुई।