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जिला के सभी शैक्षणिक संस्थानों में धूम्रपान निषेध के बोर्ड लगाना करें सुनिश्चित- एडीसी

जिला के सभी शैक्षणिक संस्थानों में धूम्रपान निषेध के बोर्ड लगाना करें सुनिश्चित- एडीसी जिला के सभी शैक्षणिक संस्थानों में धूम्रपान निषेध के बोर्ड लगाना करें सुनिश्चित- एडीसी

जिला ने विभिन्न पैरामीटरों में खरा उतर कर अधिकतम कायाकल्प पुरस्कार हासिल किए

ऊना/सुशील पंडित : स्वास्थ्य विभाग की जिला गुणवत्ता आश्वासन एवं कायाकल्प कोटपा, जिला टास्क फोर्स की बैठक एडीसी ऊना महेंद्र पाल गुर्जर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में एडीसी ने बताया जिला ने 2016 से 2020 तक निर्धारित सभी पैरामीटरों में खरा उतर कर अधिकतम कायाकल्प पुरस्कार प्राप्त किए हैं। उन्होंने बताया कि जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं में गुणवत्ता सुधार गतिविधियों की आवश्यकताओं में महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कायाकल्प पुरस्कार प्राप्त करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सात बिंदुओं जिसमें रोगी संतुष्टि में वृद्धि करना, चिकित्सालय कर्मियों की कार्य शैली एवं दक्षता में सुधार करना, सफाई, बायोलाॅजिकल बेस्ट प्रबंधन, हाईजिन प्रमोशन, सैनिटाईजेशन, संक्रमण प्रबंधन इत्यादि पर जांच की जाती है। उन्होंने बताया कि जांच टीमों द्वारा 70 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने पर पुरस्कार प्रदान किया जाता है। एडीसी ने बताया कि निर्धारित पैरामीटरों पर जिला ने बेहतर कार्य किया है।

एडीसी ने उप निदेशक उच्च व प्रारम्भिक शिक्षा को निर्देश दिए कि जिला के सभी शैक्षणिक संस्थानों में धूम्रपान करना निषेध है के बोर्ड लगवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रातः कालीन सभाओं में भी धूम्रपान व अन्य नशों से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता संदेश दें। उन्होंने सभी स्कूलों में नोडल अध्यापक नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने ड्रग निरीक्षक को भी इस संबंध में आवश्यक योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों को कोटपा अधिनियम के तहत चालान करने की शक्तियां प्रदान की गई हैं वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें ताकि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो।

महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए चलाए जा रहे स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बारे सभी स्कूलों में विद्यार्थियों को ंजागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में विद्यार्थियों और स्कूली स्टाफ के लिए अलग-अलग से शौचालय व्यवस्था होनी चाहिए। उन्हांेने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कहा कि छात्राओं की व्यक्तिगत स्वास्थ्य व  सुरक्षा के दृष्टिगत स्कूलों में छात्राओं के लिए लगाई गई बैडिंग मशीनों का आशा कार्यकत्र्ताओं के माध्यम निरीक्षण करवाएं। यदि बैडिंग मशीनें खराब हैं तो उसकी सूचना उपलब्ध करवाई जाए।

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