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आंचलिक पशु अस्पताल में हो रहे बड़े-बड़े ऑपरेशन, एक वर्ष में 2382 किसान लाभान्वित

अस्पताल में पशुओं के गायनी, मेडिसन, हड्डियों व पेट से संबंधित रोगों की सर्जरी की सुविधा उपलब्ध

ऊना/सुशील पंडित: जिला ऊना के बरनोह में आरंभ हुआ आंचलिक पशु अस्पताल किसानों के लिए एक बड़ी सुविधा बनकर उभरा है। 24 अप्रैल 2021 को अस्पताल की शुरुआत होने के बाद से लेकर अब तक यहां से कुल 2382 किसान लाभान्वित हुए हैं। जोनल अस्पताल में न सिर्फ पशुओं को दवाएं दी जाती हैं, बल्कि गायनी, हड्डियों व पेट के रोगों को ठीक करने के लिए बड़े-बड़े ऑपरेशन भी किए जाते हैं और इमरजेंसी केसों को भी संभाला जाता है। 

आंचलिक पशु अस्पताल में अब तक मेडिसन से जुड़े 1499 आपातकालीन केसों में उपचार किया गया है। इसके अतिरिक्त गाय, भैंस जैसे बड़े जानवरों (बोवियन) के 72 बड़े तथा 88 छोटे स्तर के ऑपरेशन किए गए हैं, वहीं कुत्ते, बिल्लियों व अन्य कैनाइन जानवरों के 180 बड़े तथा 315 छोटे ऑपरेशन किए गए हैं। यही नहीं पशुओं के गायनी विशेषज्ञ डॉ. निशांत रणौत ने बोवियन जानवरों के 195 तथा अन्य पशुओं के 56 ऑपरेशन किए हैं। डॉ. निशांत के अतिरिक्त जोनल अस्पताल में तीन अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात हैं। सर्जरी में डॉ. शिल्पा, मेडिसन में डॉ. नेहा तथा डॉ. राकेश भट्टी अस्पताल के इंजार्ज हैं। 

जोनल पशु अस्पताल बरनोह के इंचार्ज डॉ. राकेश भट्टी ने बताया कि यह अस्पताल अन्य पशु अस्पतालों के मुकाबले काफी आगे है, क्योंकि यहां पर बड़े-बड़े ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए जाते हैं। गाय, भैंस जैसे बड़े जानवरों के उपचार के लिए इस पशु अस्पताल में पेट की सर्जरी, आंतड़ियों के आपस में उलझने की सर्जरी, मादा पशुओं के सिजेरियन ऑपरेशन, हड्डियों के इलाज के लिए इंसान की तरह की पशुओं में रॉड व प्लेट डालने तथा सरनी के ऑपरेशन किए जाते हैं। 

डॉ. भट्टी ने कहा कि कैनाइन जानवरों के लिए भी आंतड़ियों के उलझने, पथरी, नसबंदी, हड्डियों के रोगों, मादा जानवरों में मवाद होने पर बच्चादानी को निकालने जैसे ऑपरेशन यहां पर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई एनजीओ आवारा कुत्तों का इलाज कराने के लिए उन्हें आंचलिक पशु अस्पताल में लाते हैं। आवश्यकतानुसार पशुओं का इलाज घर पर भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आवारा जानवरों की जन्म दर को नियंत्रित करने के लिए समय-समय पर विशेष कैंप भी लगाए जाते हैं।

क्षेत्र के किसानों के लिए बना वरदान 
पशुओं के लिए यह विशेषज्ञ सुविधा आज न सिर्फ जिला ऊना बल्कि जिला हमीरपुर, बिलासपुर के साथ-साथ पंजाब के नवांशहर, रोपड़, आनंदपुर साहिब, होशियारपुर के किसानों के लिए भी वरदान बन रहा है क्योंकि निजी अस्पतालों की तुलना में आंचलिक पशु अस्पताल में इलाज करवाने काफी सस्ता है। 

4.93 करोड़ से बन रहा अपना भवन 
उप-निदेशक पशु पालन विभाग डॉ. जय सिंह सेन ने कहा कि 4.93 करोड़ रुपए की लागत से जोनल अस्पताल के अपने भवन का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है। भवन निर्माण कार्य एचपीएसआईडीसी कर रही है, जो अगस्त तक पूरा हो जाएगा। भवन निर्माण के बाद आंचलिक पशु अस्पताल में किसानों की सुविधा के लिए अन्य व्यवस्थाएं भी की जाएंगी। फिलहाल यह अस्पताल बरनोह में कुरियाला मोड़ के समीप सेवाएं प्रदान कर रहा है।

अस्पताल का अपना भवन बनने के बाद यहां पर एक्सरे व अल्टासाउंड मशीन, खून की जांच के लिए लैब जैसी आधुनिक व्यवस्थाएं भी उपलब्ध होंगी। यहां चार विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा तीन फार्मासिस्ट तथा तीन क्लास फोर कर्मचारी भी तैनात किए जाएंगे। 

आंचलिक पशु अस्पताल में ट्रेनिंग भी होगी
इस बारे में पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि आंचलिक पशु अस्पताल क्षेत्र के किसानों के लिए एक बहुत बड़ा वरदान है। ऊना कृषि प्रधान जिला है, जहां पर बड़ी संख्या में किसान पशु पालन से भी जुड़े हैं। ऐसे में यह आंचलिक अस्पताल क्षेत्रवासियों के लिए बड़ी सुविधा है। यहां पर न केवल पशुओं का उपचार हो रहा है, बल्कि आने वाले समय में किसानों को पशु पालन की आधुनिक तकनीक भी सिखाई जाएगी, जिससे वह आर्थिक रूप से समृद्ध बनेंगे।

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