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लंपी वायरस का कहर! देश में 1.69 लाख मवेशियों की मौत

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नई दिल्लीः देश में लंपी वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। लंपी वायरस से देश के विभिन्न राज्यों में करीब 1.69 लाख मवेशियों की मौत हुई है। इनमें से करीब आधे मवेशियों की मौत सिर्फ राजस्थान में हुई है। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में पिछले दिनों केंद्र सरकार ने यह जानकारी दी। मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री परशोत्तम रुपाला ने राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में यह भी कहा कि महामारी का स्वरूप ले चुकी इस बीमारी से मवेशियों को बचाने के लिए ‘‘लंपी–प्रो वैक’’ टीका विकसित किया गया है जो परीक्षण के अंतिम चरण में है।

रूपाला ने द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, देश भर में इस वायरस से कुल 1,68,526 मवेशियों की मौत हुई है। उनके मुताबिक राजस्थान में सर्वाधिक 75,820, महाराष्ट्र में 28,227, कर्नाटक में 21,305, पंजाब में 17,932, हिमाचल प्रदेश में 10,872, गुजरात में 6,193 और हरियाणा में 2,937 मवेशियों की मौत हुई है। आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में इस वायरस के संक्रमण से एक भी मवेशी की मौत नहीं हुई है। रूपाला ने बताया गोपशुओं और भैसों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने इस रोग से बचाव के लिए ‘‘लंपी-प्रो वैक’’ टीका विकसित किया है।

उन्होंने बताया कि बछड़े और बछड़ियों में इस टीके के प्रायोगिक परीक्षण के अलावा 26,940 पशुओं (गाय और भैंस) में फील्ड परीक्षण भी किए गए हैं। रूपाला ने बताया कि इस टीके को प्रभावी और सुरक्षित पाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘आईसीएआर द्वारा हैदराबाद के मैसर्स इंडियन इम्यूनोलॉजिकल लिमिटेड और कर्नाटक के मैसर्स बायोवेट प्राइवेट लिमिटेड को वैक्सीन संबंधी प्रौद्योगिकी जारी की गई है और यह परीक्षण के अंतिम चरण में है।’’

मवेशियों को खोने वाले किसानों को मुआवजा दिए जाने संबंधी एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चूंकि पशुपालन राज्य का विषय है, इसलिए केंद्र सरकार के पास लंपी रोग के कारण गोपशुओं को खोने वाले किसानों को क्षतिपूर्ति प्रदान करने के लिए कोई योजना नहीं है।

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