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कोरोना की तरह लंपी डिजीज से भी एकजुट होकर लड़ना होगा : सुमित सिंगला

बददी/सचिन बैंसल :दो वर्ष पूर्व कॉविड 19 महामारी से पूरा विश्व जहां  जकड़ में था वैसे ही आज भारत में लम्पी स्किन डिजीज का काला साया गौ माता पर लम्बे समय से मंडरा रहा है। कोविड महामारी में जहां सरकारों सामाजिक संस्थाओं का भरपूर सहयोग मिला था जिसके कारण आज लोगों का जीवन पटरी पर आया  है। 
अमित सिंगला सोशल वेल्फेयर सोसायटी के अध्यक्ष सुमित सिंगला ने कहा कि दुख है कि जैसे मोर को राष्ट्रिय पक्षी मानते हैं वैसे ही गौ माता को स्नातक धर्म का प्रतीक यानी राष्ट्रीय पशु भी माना जाता है । कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत करनी हो जैसे बच्चे का जब जन्म होता है तो गोमूत्र अर्क पिलाया जाता है , साथ में ही रोजाना प्रयोग की वस्तुएं जैसे दूध, मखन,घी व दूध से बनी मिठाइयां हेतू भी गौ माता ही इनकी जननी है।

देखने में आया है कि गुजरात में जब कोविद महामारी का इतना बड़ा प्रकोप था तब हर अस्पताल में बेड होने के कारण  जहां इंसान अपनी जान गवां रहा था वही  गुजरात में एक गौशाला में 300 बेड लगाए गए थे जहां गोमूत्र अर्क गोमूत्र से तैयार दवाइयां , गूगल धूप जला  कर इलाज किया गया था व लोगो को ठीक किया गया था। उन्होंने दुख जताया कि अभी तक हजारों की तादाद में गौ माता  सही इलाज न मिलने के कारण अपना दम तोड़ चुकी है । इस अवसर पर अमित सिंगला सोशल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष सुमित सिंगला ने कहा कि समाज में आज हर प्राणी गौ माता को गौतम माता की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए यही नहीं आज अगर हम अपनी गौ माता की रक्षा नहीं करेंगे तो आने वाले समय में गोवंश के लिए बहुत ज्यादा खतरा होगा। उन्होंने कहा कि  लम्पी स्किन डिजीज जो भयंकर रूप धारण कर चुकी है, शंका जताई कि यह कोई बीमारी नहीं है कुछ विरोधी देशों द्वारा देश में रचाया जा रहा बड़ा षड्यंत्र है जिसकी सरकार को एक  निष्पक्ष कमेटी गठित कर शिनाख्त करनी चाहिए ।

दूसरी ओर बहुत दुख की बात है कि लोग जिनकी गायों को लम्पी स्किन बीमारी हो रही है का इलाज न कर सड़कों पर छोड़ रहे हैं जो एक अच्छा सूचक  नही बल्कि अभिशाप है । उन्होंने कहा कहा कि बहुत सारा गौवंश लम्पी स्किन डिजीज से  जकड़ा पडा है व सड़कों पर असहाय रूप में घूम रहा हैं। लोगों को चाहिए कि हमारी संस्कृति के आधार  का सूचक माने जाने वाली गायों का इलाज करवाना चाहिए जहां भी असहय गौवंश नजर आता है उन्हें चारे व उनके उपयुक्त इलाज का प्रबंध करने की व्यवस्था करनी चाहिए ।

 सुमित सिंगला ने कहा कि कोविड 19 के समय सरकार की ओर से क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए थे जिसमे कोविड मरीज को 14 दिन रख इलाज किया जाता था। वैसे ही सरकार को चाहिए कि  शीघ्र अतिशीघ्र निर्णय लेकर जहां भी खाली स्थान पड़ा है इन असहाय गायों को वहां ले जाकर इनका इलाज करवाना चाहिए। सुमित सिंगला ने आह्वान किया कि इंसान के लिए आयुर्वेद सामग्री जैसे नीम तुलसी हल्दी काली मिर्च कपूर रामबाण औषधि माने  जाते हैं,यही गौवंश के  इलाज के लिए भी उपयुक्त होंगे। उन्होंने कहा कि अमित सिंगला सोशल सोसायटी की ओर से गौ रक्षा के लिए जो प्रयास  चल रहे हैं व सदैव ही चलते रहेंगे।

उन्होंने समाज से आशा जताई कि सेवा के इस यज्ञ में प्रत्येक व्यक्ति को गौ माता की सेवा कर आहुति देनी चाहिए ।उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि आज पर्यावरण की रोकथाम हेतु जैसे वृक्ष लगाए जाते हैं वही गौ माता को बचाना भी जरूरी है।  पर्यावरण व गौ माता के कारण कि आज हम खुले में सांस लेने को मजबूर हैं क्योंकि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि पर्यावरण और गौमाता दोनों ही 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ते हैं जिससे कि आज प्रत्येक का जीवन सुरक्षित है।

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