लुधियाना : बेशक कांग्रेस जीत गई है और सांसद प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग बने है। लेकिन अभी भी कांग्रेस में गुटबाजी लगातार जारी है। हलका आत्म नगर में कांग्रेसी बैठकें कर रहे है लेकिन बैंस उन बैंठकों में नजर नहीं आ रहे। पहले सिमरजीत सिंह बैंस को लोकसभा का टिकट मिलने की पूरी चर्चा थी। उस समय भी कुछ कांग्रेसियों ने विरोध किया और बैंस को टिकट नहीं मिला। आखिरकार बैंस कांग्रेस में भाई बलविंदर सिंह सहित पार्टी का विलय कर शामिल हो गए। 1 दिन पहले कार्यकारी प्रधान भारत भूषण आशु ने हलका आत्म नगर में धन्यवाद बैठक आयोजित की। इस बैठक में वह पूर्व कांग्रेस के पार्षद भी पहुंचे जिनका बैंस से छतीस का आंकड़ा है।
इस बैठक में सिमरजीत नहीं आए। इसके बाद अगले ही दिन आत्म नगर के सभी कांग्रेस पदाधिकारी चंडीगढ़ मिलने पहुंच गए। यदि पार्टी में इसी तरह से सीनियर नेताओं में खींचातान चलती रही तो आने वाली निगम चुनाव में विवाद होना सुनिश्चित है। भारत भूषण आशु ने जो 2 दिन पहले बैठक में धन्यवाद वर्करों को किया क्योंकि आत्म नगर से पार्टी को 5096 की लीड मिली थी। बेशक इस लीड का कारण सिमरजीत सिंह बैंस है क्योंकि उनका खुद का वोट बैंक भी काफी है। उनकी पार्टी का विलय कांग्रेस में होने के कारण भी वोट कांग्रेस को मिले लेकिन इस धन्यवाद बैठक में 7 पार्षद सहित अन्य वर्कर शामिल थे।
वहीं जो नेता वड़िंग से मिलने चंडीगढ़ गए थे ये वह नेता थे जो आशु की बैठक में नहीं गए थे। लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले कांग्रेस टिकट के लिए भारत भूषण आशु का नाम सबसे आगे था। लेकिन आशु के खिलाफ कांग्रेस के पुराने दिग्गज विधायकों ने मोर्चा खोल दिया था। आखिर समय में पार्टी ने प्रदेश प्रधान वड़िंग को लुधियाना संसदीय सीट से चुनाव लड़वाया। चुनाव प्रचार दौरान भी लुधियाना में वड़िंग ज्यादातर अकेले ही वोट मांगते दिखे थे। उस समय यह भी चर्चा रही कि आशु खुलकर चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हो रहे। इन्हीं कारणों से पार्टी में अंदर खाते कलह बढ़ गई है।
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