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बददी में चल रही भागवत कथा में किया भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन

लोगों को अंधविशवास दूर करने के लिए भगवान ने अंगुली पर उठाया था गोवर्धन

बद्दी/सचिन बैंसल :  बद्दी की महिलाओं की ओर से वार्ड नं 1 ओर 2 के पार्क में आयोजित भागवत कथा के पांचवें दिन कथा वाचक जगमोहन शास्त्री ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्ण किया। मन रूपी माखन की कन्हा चोरी करते थे। और आज भी कलियुग में वह लोगों के मन पर राज करते है।उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अंगुली पर उठाने भी कथा सुनाई।

जगमोहन शास्त्री ने बताया कि गोकुल के लोग देवराज इंद्र से बहुत भयभीत रहते थे। उन्हें लगता था कि इंद्र ही धरती पर बारिश करते है। सभी लोग इंद्र की पूजा करते थे। भगवान कृष्ण ने लोगों को समझाया कि इंद्र की पूजा  करने की बजाए  गायों की पूजा करें जो उन्हें दूध देती है। गोकुल को लोगो ं भगवान कृष्ण की बात सुन कर गायों की पूजा करनी शुरू कर दी। जिससे इंद्र को अपना अपनान लगा और उन्होंने बादलों को आदेश दिया कि गोकुल नगरी में तूम बरते रहो। जब यह डूब न जाए। लोग भगवान कृष्ण का पास गए। भगवान ने अपने हाथ को छोटी अगुंली से गोवर्धन पवर्त उठा कर गोकुल के लोगों और उनके पशुओं को उसके नीचे खड़े कर दिए। जिससे इंद्र भयभीत हो गया और उसने बारिश को बंद कर दिया। माना जाता है कि यह पांच हजार पहले यह तीन हजार मीटर ऊंचा था लेकिन पुलस्त्य ऋषि के श्राप के चलते यह पर्वत एक मुट्ठी हर रोज कम होता है। इसकी परिक्रमा का 7 किमी हिस्सा राज स्थान और बाकी हिस्सा यूपी में आता है। सात दिन तक भगवान ने इस पर्वत को उठा कर रखा। अगर हम सात दिन और रात किसी काम को करते है वह सिद्ध हो जाता है। इसलिए  भागवत कथा भी सात दिन की होती है। 

उन्होंने बताया कि भगवान को माखन चोर क्यों कहते है। मा को अर्थ है मन और वह मन  रूपी माखन को चुराते है। यही कारण है कि आज भी भगवान लोगों को मन पर राज करते है और उनकी कथा के दौरान लोग भंडारे लगाते नाचते है और उनके ही हो कर रहते है। उन्होंने जय राधा माधव जय कुंज बिहारी, हरे कृष्णा, कृष्म जिनका नाम है वह  गोकुल धाम है समेत दर्जनो भजन प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को मनोरजंन किया। कथा के बाद लोगों ने  भंडारा ग्रहण किया।  

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