चंडीगढ़ः हरियाणा में धान की सरकारी खरीद से नाराज किसानों ने कुरुक्षेत्र के शाहबाद में दिल्ली-अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (जीटी रोड) को देर रात से जाम किया हुआ है। लेकिन धान की सरकारी खरीद शुरू न होने से नाराज किसान अब मान गए हैं। शुक्रवार को जाम किया गया जीटी रोड 21 घंटे बाद धान की सरकारी खरीद का आश्वासन मिलने पर खोल दिया गया है। किसान अपना सामान समेटने लगे हैं। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे धान खरीद शुरू करने की मांग को लेकर शाहाबाद में नेशनल हाईवे 44 को जाम कर दिया गया था।
राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (जीटी रोड) जाम करने पर जनता को होने वाली परेशानी को देखते हुए एडवोकेट रणदीप तंवर ने शुक्रवार देर रात पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ के समक्ष देर रात तक जन सुनवाई के बाद हरियाणा सरकार को आगाह किया था। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि किसान यूनियन द्वारा नेशनल हाईवे को जाम करने को लेकर दी गई कॉल के कारण आम आदमी को कोई परेशानी ना हो। इसके साथ ही ट्रैफिक सुचारू रूप से चलता रहे यह सुनिश्चित करने का हरियाणा सरकार को आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने किसान नेता गुरनाम सिंह को याचिका में प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया है।
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि हमने जिला प्रशासन के साथ बातचीत की है और उन्होंने सुनिश्चित किया है कि धान की खरीद तुरंत शुरू होगी। हमारी मांगें मान ली गई हैं, इसलिए हमने सड़क से नाकेबंदी हटाने का फैसला किया है। वहीं एसपी सुरिंदर सिंह भोरिया ने कहा कि हाईवे पर यातायात बहाल कर दिया गया है और सभी डायवर्जन को हटा दिया गया है। हमने किसानों के साथ बातचीत की है और मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है।
पूर्व घोषित एलान के तहत शुक्रवार सुबह सुबह भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी की अगुवाई में बैरिकेड तोड़ किसान जीटी रोड पर पहुंचे थे। शहीद उधम स्मारक परिसर में मंडी के नोडल अधिकारी कपिल शर्मा किसानों के बीच पहुंचे थे और भरोसा दिलाया कि सरकार ने किसानों की प्रति एकड़ 22 से 28 क्विंटल धान खरीद करने की मांग मान ली है लेकिन धान की सरकारी खरीद शुरू करने को लेकर अभी अधिकारियों से बातचीत चल रही है।
इसके बाद चढूनी ने प्रशासन को 45 मिनट का अल्टीमेटम दिया कि अगर धान खरीद के लिए सकारात्मक पहल नहीं हुई तो जीटी रोड जाम किया जाएगा। तय अवधि में प्रशासन की ओर से संज्ञान नहीं लेने पर किसान ट्रैक्टर ट्रालियों समेत जीटी रोड जाम करने पहुंचे। पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुई थी। साथ ही पांच ड्यूटी मजिस्ट्रेट और तीन डीएसपी के साथ करीब 200 पुलिस के जवान तैनात किए गए थे।
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