मंडीः कीरतपुर-मनाली फोरलेन एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आता दिख रहा है। मंडी से कुल्लू की ओर जा रही फोरलेन सड़क कैंची मोड़ से कुछ आगे मगर नाले के पास दोबारा धंसने लगी है। वहीं मनाली में सुबह से बारिश हो रही है। नेशनल हाईवे मंडी- मनाली पंडोह कैंची मोड़ के पास लैंड स्लाइड होने से एक गाड़ी भूस्खलन के चपेट में आ गई। मंडी–कुल्लू एनएच पर कैंची मोड़ (पंडोह) के पास भूस्खलन से सड़क को हुए भारी नुकसान के कारण रास्ता बंद कर दिया गया है।
वहीं मरम्मत का कार्य जारी है। भारी वाहनों को नगचला और झीरी के खुले स्थानों पर रोका जा रहा है। हालांकि हल्के वाहनों (LMVs) के लिए कमांद–कटौला वैकल्पिक मार्ग खुला है। मौसम विभाग ने 5 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है। इनमें कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर शामिल हैं। इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है, जबकि आने वाले दिनों में भारी बारिश की चेतावनी भी दी गई है। वहीं किन्नौर में रात को हल्की बारिश के बाद पागल नाला व रुनंग नाले में बाढ़ आने से एनएच 5 अवरुद्ध हो गया है।
सड़क के दोनों तरफ वाहनों कि लंबी कतार लगी है। वहीं प्रदेश में बीते 3 दिन की भारी बारिश से 289 सड़कें और 346 बिजली के ट्रांसफॉर्मर बंद पड़े हैं। ऐसे में मानसून थोड़ा कमजोर पड़ने के बाद आज से इन सड़कों व बिजली की बहाली के काम में तेजी आएगी। शिमला जिले में सबसे अधिक 71% बारिश हुई। यहां सामान्य 320.6 मिमी के मुकाबले 546.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। मंडी जिले में भी 65%अधिक बारिश हुई, जहां सामान्य 558 मिमी के स्थान पर 918.3 मिमी बारिश हुई। हमीरपुर में 33%अधिक बारिश हुई है। यहां सामान्य 442.6 मिमी के मुकाबले 590.1 मिमी बारिश दर्ज की गई।
कुल्लू में भी 30% अधिक बारिश हुई, जहां 270.9 मिमी के स्थान पर 352.7 मिमी बारिश हुई। सिरमौर और बिलासपुर में 24% अधिक बारिश दर्ज की गई। ऊना में 22%और सोलन में 8% अधिक बारिश हुई। कांगड़ा में 3% अधिक बारिश हुई। हालांकि, कुछ जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। लाहौल-स्पीति में सबसे कम बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 70% कम है। यहां 179.3 मिमी के मुकाबले केवल 53 मिमी बारिश हुई। किन्नौर में 18%और चंबा में 11% कम बारिश दर्ज की गई।
