अमृतसरः किसान मजदूर मोर्चा भारत के आह्वान पर किसान मजदूर संघर्ष समिति ने अमृतसर के डीसी कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा। इस दौरान प्रदेश महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि पंजाब समेत पूरे देश में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है, लेकिन यह प्राकृतिक नहीं बल्कि मानवीय लापरवाही का नतीजा है।
उन्होंने मांग की कि बांध प्रबंधन पर एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाए और इस बात की जांच की जाए कि कितना पानी लाया गया, कितना छोड़ा गया और कितना आरक्षित रखा गया। पंधेर ने आरोप लगाया कि रणजीत सागर डैम सहित अन्य बांधों के प्रबंधन में गंभीर अनियमितताएं हैं और बीबीएमबी अध्यक्ष ने सच्चाई छिपाई है। 1 से 14 अगस्त तक जलस्तर लगातार बढ़ता रहा, जिससे कई जगहों पर बांध टूट गए और लोगों के घर व फसलें तबाह हो गईं। उन्होंने इसे “वाटर बम” की साजिश करार दिया। किसान नेता ने मांग की कि बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों के लिए 70,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए, जिसमें से 10 प्रतिशत खेतिहर मजदूरों को दिया जाए। इसके साथ ही छोटे-बड़े दुकानदारों, रिक्शा चालकों, मकान मालिकों और पशुपालकों को भी पूरा मुआवजा मिले।
अगर लोग एकजुट होकर संघर्ष नहीं करेंगे, तो बाढ़ हर साल पंजाब को तबाह करती रहेगी। पंधेर ने केंद्र और राजनीतिक दलों को भी घेरा जिस तरह खनौरी और शंभू में किसानों के साथ मारपीट की गई, उसी तरह आज बाढ़ पीड़ितों की अनदेखी की जा रही है। इस अवसर पर एसडीएम ने मांग पत्र प्राप्त किया और कहा कि जो भी मांगें रखी गई हैं, उन्हें सरकार तक पहुंचाया जाएगा और संबंधित स्तर पर गंभीरता से विचार-विमर्श के बाद कार्रवाई की जाएगी।