किसी भी राजनीतिक दल के प्रत्याशियों द्वारा इसका नहीं किया कोई विरोध
ऊना/सुशील पंडित: हाल ही में जिला परिषद परिसीमन में खरयालता और डीहर पंचायत को सोहारी जिला परिषद वार्ड में शामिल किया गया है। इस पर टिप्पणी करते हुए रिटायर्ड प्रिंसिपल जीवन मोदगिल ने कहा कि इससे पहले खरयालता पंचायत दियाडा वार्ड में और डीहर पंचायत मोमन्यार जिला परिषद वार्ड में शामिल थी। मोदगिल ने कहा कि पूर्व में डीहर पंचायत खरयालता पंचायत का हिस्सा हुआ करती थी।विधानसभा क्षेत्र के परिसीमन के दौरान खरयालता पंचायत जोकि कुटलैहड विधानसभा क्षेत्र में शामिल थी। उसको चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में शामिल कर दिया। जबकि डीहर कुटलैहड विधानसभा का ही अंग रहा है।
इसमें भी खरयालता पंचायत के अधीन आने वाले खैरियां और सरनोटी गांव को डीहर के साथ जोड़ दिया। खरयालता पंचायत का खंड विकास कार्यालय,तहसील कार्यालय बंगाणा कुटलैहड के विस क्षेत्र में पड़ता है। जबकि विधानसभा क्षेत्र चिंतपूर्णी हो गया।किसी भी राजनैतिक दल के प्रत्याशियों द्वारा इसका कोई विरोध नहीं किया गया। आज यह दोनों पंचायतें विकास के लिए हाशिए पर आ गई है। दोनों विधानसभा के क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के कारण अंतिम पंचायतें होने के कारण उनकी हमेशा उपेक्षा होती रही है। अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र होने के कारण लोगों के इकट्ठेपन और एकता में भी बिखराव आ गया। खरयालता पंचायत के लोगों की हमेशा से यह मांग रही है कि उन्हें कुटलैहड विधानसभा क्षेत्र में ही रखा जाए, क्योंकि उन्हें अपने राजस्व और अन्य कार्यों के लिए तो बंगाणा कुटलैहड में ही जाना पड़ता है। जीवन मोदगिल ने जिला प्रशासन से यह पुरजोर आग्रह किया है कि जमीनी स्तर पर सर्वे करवाया जाए और खरयालता पंचायत को कुटलैहड विधानसभा क्षेत्र में शामिल किया जाए,ताकि लोगों को इस समस्या से समाधान मिल सके।