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सोने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो पहुंच सकता है रीढ़ की हड्डी को नुक्सान

हेल्थः थके शरीर और दिमाग को फिर से तरोताजा करने के लिए अच्छी नींद जरूरी है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि जिस तरह आप सोते हैं, वह आपके शरीर, खासकर रीढ़ की हड्डी पर क्या असर डालता है? गलत पोजीशन में सोना धीरे-धीरे कमरदर्द, गर्दन में अकड़न और यहां तक कि डिस्क प्रॉब्लम का कारण भी बन सकता है। इसलिए अब वक्त है सजग होने का। सही सोने का तरीका जानना न सिर्फ आपको बेहतर नींद देगा, बल्कि शरीर में होने वाले दर्द से भी राहत दिलाएगा।

करवट लेकर सोना सही है या नहीं?
बहुत से लोग करवट लेकर सोने को आरामदायक मानते हैं। सही तरीके से करवट लेकर सोना भी फायदेमंद हो सकता है, बशर्ते आपकी रीढ़ और गर्दन सीधी रेखा में रहें। इसके लिए घुटनों के बीच एक तकिया लगाना बहुत जरूरी होता है, ताकि हिप्स और रीढ़ की हड्डी पर सीधा दबाव न पड़े। बाईं करवट लेकर सोना दिल के स्वास्थ्य और पाचन के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन ध्यान रहे कि बहुत देर तक एक ही करवट में न रहें, नहीं तो शरीर के एक हिस्से में खिंचाव आ सकता है।

पेट के बल सोने से क्यों बढ़ता है खतरा
पेट के बल सोना रीढ़ के लिए सबसे खराब पोजीशन मानी जाती है। इस मुद्रा में आपकी गर्दन को एक तरफ घुमाना पड़ता है, जिससे रीढ़ के ऊपरी हिस्से पर असमान दबाव पड़ता है। इससे न केवल गर्दन और पीठ में दर्द होता है, बल्कि नींद भी बीच-बीच में टूट सकती है। इसके अलावा पेट के बल सोने से सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है।

पीठ के बल सोने के फायदे
डॉक्टर्स के अनुसार, पीठ के बल सोना सबसे अच्छा तरीका है रीढ़ की सेहत बनाए रखने का। इस पोजीशन में बॉडी का वजन समान रूप से बंटता है और कमर पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता। अगर आप पीठ के बल सोते हैं, तो एक छोटा तकिया घुटनों के नीचे रख सकते हैं, जिससे रीढ़ का नैचुरल कर्व बना रहता है। इससे न केवल पीठ दर्द से राहत मिलती है, बल्कि गर्दन और कंधे में अकड़न की समस्या भी दूर रहती है। यदि आप आदतन करवट लेकर सोते हैं, तो धीरे-धीरे इस आदत को बदलने की कोशिश करें।

सोने से पहले की आदतें भी निभाती हैं अहम भूमिका
सिर्फ सोने की पोजीशन नहीं, बल्कि सोने से पहले की आदतें भी आपकी रीढ़ की सेहत पर असर डालती हैं। सोने से पहले मोबाइल फोन या लैपटॉप का इस्तेमाल करने से गर्दन झुकती है, जिससे रीढ़ पर दबाव बढ़ता है। देर रात तक जागना भी मांसपेशियों को थकाता है और सुबह उठते समय दर्द की वजह बन सकता है। सोने से पहले हल्की स्ट्रेचिंग करना, सही गद्दा और तकिया चुनना और कमरे का तापमान आरामदायक रखना बहुत जरूरी है। ये छोटी-छोटी आदतें मिलकर आपकी नींद की क्वालिटी और रीढ़ की सेहत को बेहतरीन बना सकती हैं।

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