जानें कारगिल युद्ध की पूरी कहानी
नई दिल्ली: 26 जुलाई को कारगिल युद्ध को 26 साल पूरे हो गए हैं। इस दिन भारत को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में विजय मिली थी। आपको बता दें कि यहां पर कारगिल युद्ध लड़ा गया था वहां सर्दियों में तापमान माइनस 30 से माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। सर्दियों के मौसम में यह इलाके खाली कर दिए जाते थे।
इसका ही फायदा उठाकर पाकिस्तान ने घुसपैठ कर दी। इस घुसपैठ में पाकिस्तान की सेना ने भी मदद की थी। 3 मई को घुसपैठियों के दिखने की सूचना मिली जिसके बाद 5 मई 1999 को भारतीय सेना ने पेट्रोलिंग पार्टी को घुसपैठ वाले इलाके में भेज दिया। पेट्रोलिंग पार्टी जब घुसपैठ वाले इलाके में गई तो घुसपैठियों ने पांचों जवानों को मार दिया।
सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के शव से बर्बरता भी की गई। घुसपैठिए लेह-श्रीनगर हाईवे पर कब्जा कर लेना चाहते थे ऐसे में वह लेह को बाकी हिंदूस्तान से काट देना चाहते थे। ऐसे में 9 मई को कारगिल जिले में पाकिस्तानी सेना का तोप का गोला गिरा और भारत के गोला बारुद डीपो को उड़ा दिया।
इसके बाद 10 मई 1999 को द्रास, काकसर, बटालिक सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया। उस दौरान ये अंदाजा भी लगाया गया कि करीब 600 से लेकर 800 घुसपैठिए भारतीय चौंकियों पर कब्जा कर चुके हैं। 15 मई 1999 के बाद कश्मीर के अलग-अलग इलाकों से सेना को भेजने की शुरुआत हुई।
26 मई को भारतीय वायुसेना ने घुसपैठियों पर जमकर बर्फबारी की थी। इसके बाद 27 मई को दो भारतीय लड़ाकू विमानों को पाकिस्तान की सेना ने मार गिराया। फ्लाइट लेफ्टिनेट के. नचिकेता को पाकिस्तान ने युद्धबंदी बना दिया।
इसके बाद स्कवॉड्रन लीडर अजय अहूजा ने सर्वोच्च बलिदान दे दिया। 31 मई 1999 को पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का बयान आया। इसमें उन्होंने कहा कि कश्मीर में युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। इसके बाद 4 जुलाई को भारतीय सेना ने टाइगर हिल्स पर तिरंगा फहराया।
11 घंटे तक लगातार चली इस लड़ाई के बाद भारतीय सेना ने इस अहम पोस्ट पर अपना कब्जा जमा लिया। 5 जुलाई को बाटलिक सेक्टर में जुबर पहाड़ी पर भारतीय सेना ने फिर से कब्जा जमाया। 7 जुलाई को ही एक अन्य ऑपरेशन के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा ने सर्वोच्च बलिदान दिया।
11 जुलाई को भारतीय सेना ने बाटलिक सेक्टर की लगभग सभी पहाड़ियों की चोटियों को फिर से अपने कब्जे में ले लिया। 12 जुलाई को युद्ध हारते पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने भारत के सामने बात की। 14 जुलाई को युद्ध हारते हुए पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने भारत के सामने बात करने की मांग रखी।
इसके बाद 14 जुलाई को भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को भारती क्षेत्र से पूरी तरह से खदेड़ दिया। भारत ने अपने सभी इलाकों को वापिस से हासिल कर लिया। 26 जुलाई को भारत ने कारगिल युद्ध को जीतने की घोषणा कर दी। आपको बता दें कि 18 हजार फीट की ऊंचाई से लड़ा गया युद्ध भारतीय सेनाओं की पराक्रम की गाथा कहता है।