पंचकूला: मनीमाजरा के रहने वाले अशोक कुमार की मौत के बाद उनके बेटों ने अस्पताल में आकर पिता की बॉडी लेने से मना कर दिया। इसके अलावा बेटों ने पुलिस के द्वारा किए गए फॉन कॉल भी नहीं उठाए। यह मामला इंसानियत को शर्मसार कर रहा है। अब एक सामाजिक संस्था उनका अंतिम संस्कार करेगी।
जानकारी के अनुसार, अशोक कुमार को उनका छोटा बेटा विजय सेक्टर-6 के अस्पताल में इलाज के लिए लेकर आया था। उन्हें भर्ती करवाने के बाद वह अचानक अस्पताल से गायब हो गया। इसके बाद वह रजिस्ट्रेशन कार्ड पर अपने बड़े भाई का नंबर लिखकर चला गया।
अस्पताल स्टाफ के अनुसार अशोक कुमार इलाज के दौरान दो दिनों तक अपने बेटों को बुलाने के लिए कहते रहे परंतु वह नहीं आए। इसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान 10 नवंबर को उनकी हालत खराब हो गई और थोड़ी देर बाद मृत्यु हो गई।
अस्पताल प्रबंधन ने मौत की जानकारी सेक्टर-6 चौकी को दी। चौकी इंचार्ज भर्तू राम और मनीमाजरा के जांच अधिकारी सब-इंस्पेक्टर आनंद पांडे ने रजिस्ट्रेशन कार्ड पर दिए गए दोनों बेटों के नंबर पर कई बार फोन किया। उन्हें बताया कि उनके पिता की मौत हो गई है।
वह बॉडी लेने के लिए अस्पताल आ जाए परंतु अधिकारियों के अनुसार, दोनों बेटों ने साफ तौर पर बॉडी लेने से मना कर दिया। वह दोनों अस्पातल भी नहीं आए। जब बेटों ने अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया तो पुलिस ने मामले की जानकारी एक स्थानीय सामाजिक संस्था को दी।
संस्था ने मानवता के आधार पर आगे आकर अशोक कुमार का अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी ली है।अब यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोगों का कहना है कि समाज में रिश्ते बदल रहे हैं और अब बच्चे अपने पिता को भी स्वीकार करने से मना कर रहे हैं।