अमृतसरः तख्त श्री पटना साहिब के पांच प्यारे साहिबानों ने एक अहम बैठक के बाद ज्ञानी कुलदीप सिंह गढ़गज और ज्ञानी टेक सिंह को तख्त की मर्यादा को ठेस पहुँचाने के आरोप में ‘तनखाहिया’ घोषित कर दिया है। इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को 10 दिनों के भीतर तख्त पटना साहिब में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है।
बैठक के बाद अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह ने जानकारी दी कि पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर के खिलाफ लगाए गए आरोप सही साबित नहीं हुए हैं। अतः उनकी सभी धार्मिक सेवाएं पुनः बहाल कर दी गई हैं। इस निर्णय के बाद पटना साहिब के पांच प्यारों ने अकाल तख्त साहिब के आदेश को रद्द कर दिया और साथ ही अकाल तख्त तथा दमदमा साहिब के जत्थेदारों को भी ‘नकली’ घोषित किया। उनका कहना है कि ये वे जत्थेदार हैं जिन्हें पंथ द्वारा स्वीकृति प्राप्त नहीं है।
सुखबीर सिंह बादल को दस दिनों के भीतर पटना साहिब में उपस्थित होकर सफाई देने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि सुखबीर बादल पहले ही आरोपों को स्वीकार कर चुके हैं, हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि जब तक उनके खिलाफ कोई पंथक केस दर्ज नहीं होता, तब तक उन्हें दोषी नहीं माना जा सकता।
समाज में चिंता और आह्वान:
दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब और अन्य चार तख्त सिख संप्रदाय की सर्वोच्च धार्मिक संस्थाएं हैं। उन्होंने सभी पक्षों से आग्रह किया कि वे मिल बैठकर संवाद करें और ऐसा निर्णय लें जो समूचे सिख समाज के हित में हो।
उन्होंने यह भी कहा कि तख्तों के जत्थेदारों को इन मुद्दों पर आपसी समन्वय से चर्चा करनी चाहिए। जब तक व्यापक स्तर पर पारदर्शी बातचीत नहीं होती, यह विवाद आगे भी चलता रहेगा।